नई दिल्ली। हरियाणा में भाजपा-जेजेपी सरकार में मंत्रियों को शामिल करने को लेकर सारी तैयारियां लगभग पूरी हो गई हैं और कैबिनेट के विस्तार की उल्टी गिनती शुरू हो गई है। तीन दिन चले हरियाणा विधानसभा के विशेष सत्र की समाप्ति के बाद नई कैबिनेट को लेकर अंतिम विचार-विमर्श के लिए दिल्ली पहुंचे हैं। वैसे मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने विधानसभा सत्र से पहले नई कैबिनेट पर आपसी सहमति कर ली है, लेकिन इस पर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व की मुहर नहीं लगी है। कई दिग्गजों के नाम मंत्री पद के लिए लगभग फाइनल हो चुका है और कई नई चेहरे भी मंत्री पद की रेस में आगे हैं।
महाराष्ट्र में फंसे राजनीतिक पेच की वजह से अटका है हरियाणा कैबिनेट का विस्तार
असल में महाराष्ट्र में फंसे राजनीतिक पेच की वजह से हरियाणा कैबिनेट का विस्तार अटका हुआ है। शीर्ष नेतृत्व से कैबिनेट के नए प्रारूप पर अंतिम मुहर लगवाने के लिए मुख्यमंत्री मनोहरलाल बुधवार सायं चंडीगढ़ से नई दिल्ली पहुंचे। मुख्यमंत्री की इसके बाद भाजपा के राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष जेपी नड्डा और संगठन महामंत्री बीएल संतोष से पार्टी मुख्यालय में मंत्रिमंडल के आकार और विधायकों के नाम को लेकर करीब एक घंटे तक चर्चा हुई।
राष्ट्रीय अध्यक्ष व केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात नहीं हो पाई। सूत्र बताते हैं कि आज उनकी अमित शाह से मुलाकात हो सकती है। शाह की मुहर के बाद हरियाणा कैबिनेट के विस्तार की तारीख तय कर दी जाएगी। कैबिनेट विस्तार में मनोहर-दुष्यंत की तरफ से कोई देरी नहीं की जाएगी। यह विस्तार 9 या दस नवंबर भी हो सकता है।
जातीय संतुलन साधते हुए मंत्री बनाएंगे मनोहरलाल और दुष्यंत चौटाला
मुख्यमंत्री मनोहर लाल और उप मुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने नए मंत्रिमंडल का जो खाका तैयार किया है, उसमें जातीय व क्षेत्रीय संतुलन को साधा गया है। सूत्र बताते हैं कि विधानसभा के विशेष सत्र में मंत्रियों के अनुसार ही उनकी सीट भी आवंटित की गई हैं। पिछली बार जहां मंत्री बैठते थे, उन सीटों को इस बार संभावित मंत्रियों को ही आवंटित किया गया है।
इस बार दक्षिण हरियाणा के अहीरवाल से डॉ.अभय सिंह यादव, डॉ.बनवारी लाल सहित पलवल के विधायक दीपक मंगला, फरीदाबाद के विधायक नरेंद्र गुप्ता सहित बल्लभगढ़ के विधायक मूलचंद शर्मा, तिगांव के विधायक राजेश नागर, बडख़ल की विधायक सीमा त्रिखा के बीच मंत्री पद झूल रहे हैं। जीटी रोड बेल्ट पर अंबाला के अनिल विज, जगाधरी के कंवरपाल गुर्जर का मंत्री बनना तय है।
जेजेपी के कोटे से नारनौंद के विधाय
क रामकुमार गौतम और अनूप धानक को मंत्री बनाया जा सकता है। ज्ञानचंद गुप्ता को विधानसभा अध्यक्ष बनाए जाने के बाद कमल गुप्ता को मुख्य सचेतक या संसदीय कार्य मंत्री भी बनाया जा सकता है। सोनीपत के गन्नौर से जीती निर्मल रानी को भी मंत्री बनाया जा सकता है। करनाल जिला से हरविंद्र कल्याण और कैथल जिला में कलायत से जीतीं कमलेश ढांडा को भी मंत्रिमंडल में जगह मिल सकती है। इसी तरह भिवानी जिला से जेपी दलाल या घनश्याम सर्राफ में किसी एक को मंत्री बनाया जा सकता है।
निर्दलीयों में रणजीत सिंह को मिल सकता है महत्व
सिरसा जिले से राज्य सरकार में प्रतिनिधित्व देने के उद्देश्य से मनोहर सरकार में रानियां से निर्दलीय जीते चौधरी रणजीत सिंह को महत्व दिया जा सकता है। रणजीत सिंह को उनके अनुभव के अनुसार मंत्री बनाने या नहीं बनाने पर तो भाजपा शीर्ष नेतृत्व ही अंतिम फैसला करेगा। लेकिन, अभी तक जिस तरह दो बार रणजीत सिंह की भाजपा शीर्ष नेताओं और मुख्यमंत्री मनोहर लाल से मुलाकातें हुई हैं उससे संकेत है कि रणजीत सिंह के अनुभव का फायदा मनोहर सरकार ले सकती है। अन्य निर्दलीयों को भी क्या मिलेगा, यह भाजपा का शीर्ष नेतृत्व तय करेगा। सूत्र तो यह भी बता रहे हैं कि मनोहर मंत्रिमंडल के पहले विस्तार में दो मंत्रियों की जगह खाली भी रखी जा सकती है।