अगर आप नए साल 2021 में टीवी, रेफ्रिजरेटर और वॉशिंग मशीन खरीदने का मन बना चुके हैं तो आपको झटका लगने वाला है। एक जनवरी से बहुत हद तक संभव है कि आपको इन होम अप्लायंस को खरीदने के लिए जेब ढीली करनी पड़ेगी। क्योंकि नए साल से एलईडी टीवी, फ्रिज, वॉशिंग मशीन और दूसरे कुछ होम अप्लायंसेस की कीमतें 10 फीसद तक बढ़ सकती हैं। इसकी मुख्य वजह कॉपर, एल्यूमिनियम और स्टील की कीमतों में वृद्धि होना है। इसके अलावा, समुद्री और हवाई माल भाड़े में भी बढ़ोत्तरी हुई है।
मैन्युफैक्चरर्स का कहना है कि ग्लोबल वेंडर्स से सप्लाई कम होने की वजह से टीवी पैनल्स की कीमतों में 200 फीसद की वृद्धि हुई है, वहीं क्रूड की कीमतें बढ़ने के चलते प्लास्टिक भी महंगी हो गई है। इसके चलते जनवरी से पैनासोनिक इंडिया, एलजी और थॉमसन ने अपने उत्पादों की कीमत बढ़ाने का फैसला किया है।वहीं सोनी ने कहा कि वह अभी हालात का जयजा ले रही है। इसके बाद वह कीमत बढ़ोतरी पर फैसला करेगी।
इन कंपनियों ने बढ़ाई कीमत
पैनासोनिक इंडिया के अध्यक्ष और सीईओ मनीष शर्मा ने बताया का कहना है कि लागत मूल्य मे बढ़ोत्तरी होने की वजह से उनके उत्पाद महंगे होंगे। पैनासोनिक के उत्पाद की कीमतें जनवरी में 6 से 7 फीसद तक बढ़ सकती हैं। वहीं, एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स के सभी उत्पाद 1 जनवरी से 7 से 8 फीसद तक महंगे होंगे। इनमें टीवी, वॉशिंग मशीन और फ्रिज भी शामिल है। एलजी इलेक्ट्रॉनिक्स इंडिया के वीपी (होम अप्लायंस) विजय बाबू ने कहा कि कच्चे माल की कीमतों और धातुओं में तांबा और एल्यूमीनियम के रूप में वृद्धि हुई है। इसके अलावा, कच्चे तेल की कीमतें बढ़ गई हैं, इसलिए प्लास्टिक सामग्री की लागत भी काफी हद तक बढ़ गई है। इसकी भरपाई के लिए कीमत में बढ़ोतरी करना जरूरी है।
ये कंपनियां भी बढ़ाएंगी दाम
फ्रेंच इलेक्ट्रॉनिक्स ब्रांड थॉमसन और कोडक के ब्रांड सुपर प्लास्ट्रोनिक्स का कहना है कि टीवी ओपनसेल की कीमत 200 फीसद बढ़ चुकी है। कंपनी का कहना है कि बाजार में इसकी कमी भी है। इसलिए थॉमसन और कोडक ने एंड्रॉइड टीवी की कीमतें जनवरी से 20 फीसद बढ़ाने का फैसला किया है।
सोनी अभी इंतजार करेगी
सोनी इंडिया के प्रबंध निदेशक सुनील नय्यर ने कहा कि कंपनी अभी ‘वेट एंड वॉच’ की स्थिति में है। अभी कंपनी को कीमतों में बढ़ोतरी पर अंतिम फैसला लेना बाकी है। हालांकि, सोनी ने संकेत दे दिया है कि वह भी कीमत में बढ़ोतरी करने वाली है। नय्यर ने कहा कि अभी कुछ भी स्पष्ट नहीं है और कीमतें कितनी बढ़ाई जाएं, इसे लेकर कोई फैसला नहीं किया गया है। सोनी पका कहना है कि अभी वर्क फ्रॉम होम के चलते प्रोडक्ट्स की डिमांड ज्यादा है और सप्लाई सीमित है, क्योंकि फैक्ट्रियों में पूरी क्षमता के साथ उत्पादन नहीं हो रहा है। इससे आपूर्ति में कमी है, जिससे कीमतों में बढ़ोतरी संभव है।
लागत में 25 फीसद तक बढ़ोतरी हुई
कंपनियों का कहना है कि कोरोना और लॉकडाउन के कारण खनन गतिविधियों में कमी आई है। इससे जरूरी मेटल की कीमत तेजी से बढ़ी है। वहीं, कंटेनर की कमी से माल ढुलाई लगात में भी पांच से छह गुनी की बढ़ोतरी हुई है। इससे कुल लागत में 20 फीसद से 25 फीसद की बढ़ोतरी हुई है। सीईएएमए के अध्यक्ष कमल नंदी ने कहा कि इसके परिणामस्वरूप, निकट भविष्य में ब्रांडों की कीमतों में 8-10 प्रतिशत की वृद्धि होने की संभावना है, जिससे अगली तिमाही में समग्र मांग में बाधा आ सकती है।