जन्माष्टमी व्रत और पर्व को लेकर भक्तों में जारी असमंजस के बीच दिल्ली के कालकाजी मंदिर में इस बार मंगलवार 11 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जाएगी।मंदिर के महंत सुरेंद्र नाथ अवधूत ने बताया कि हमेशा की तरह इस बार भी कृष्ण जन्माष्टमी को लेकर भक्तों के मन में दुविधा बनी हुई है। इसका कारण स्मार्त और श्रोत की परंपरा है। स्मार्त काल व्यापिनी तिथि ग्रहण करते हैं, वही श्रोत सूर्योदय व्यापिनी तिथि को ग्रहण करते हैं। इस बार गृहस्थ (स्मार्त) मंगलवार 11 अगस्त को श्री कृष्ण जन्माष्टमी मनाएंगे, जबकि सन्यासी और वैष्णव 12 अगस्त को जन्माष्टमी मनाएंगे।
बता दें कि बाकी दूसरे मंदिरों में 12 अगस्त को जन्माष्टमी मनाई जाएगी। उन्होंने बताया कि बहुत ही कम भक्तों को इस बारे में जानकारी होगी कि जिस दिन कृष्ण जन्माष्टमी होती है उसी दिन काली जयंती भी मनाई जाती है। इस कारण 11 अगस्त को मध्य रात्रि 11 बजे से विशेष पूजा और हवन किया जाएगा।
वैश्विक महामारी कोरोना वायरस संक्रण के चलते इस बार कालकाजी मंदिर में कृष्ण जन्मोत्सव सादगी से मनाया जाएगा। मंदिर में आने वाले सभी भक्तजन छह फीट की उचित दूरी पर खड़े होकर भगवान श्रीकृष्ण के दर्शन कर सकेंगे। भक्तों को सैनिटाइजेशन टनल से होकर मंदिर में प्रवेश मिलेगा।