नई दिल्ली। 20 लाख करोड़ के राहत पैकेज के रोडमैप को लेकर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रही हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए वह बता रही हैं कि 20 लाख करोड़ का इस्तेमाल किन-किन क्षेत्रों में किया जाएगा और इन्हें कितनी राशि दी जाएगी। इस राशि का इस्तेमाल कैसे किया जाएगा। बता दें कोरोना संकट से बेपटरी हुई देश की अर्थव्यव्स्था को पटरी पर लाने के लिए पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज की घोषणा की थी।
विवाद से विश्वास योजना की तारिख 31 दिसंबर 2020 तक बढ़ी। इनकम टैक्स में ट्रस्ट, एलएलपी को सभी पेंडिंग फंड तत्काल रूप से दिए जाएंगे। इनकम टैक्स रिटर्न की डेट
टीडीएस और टीजीएस के लिए 25 प्रतिशत भुगतान में छूट
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कल से अगले साल तक टीडीएस और टीजीएस के लिए 25 प्रतिशत भुगतान में छूट दी जा रही है जो कि अगले साल 31 मार्च 2021 तक जारी रहेगी। इससे 50000 करोड़ रुपये का फायदा होगा।
ठेकेदारों को 6 महीने की राहत
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा निर्माण के काम के लिए 6 महीने तक के लिए एक्सटेंशन दिया जा रहा है, निर्धारित समय में किए जाने वाले काम को तय तारीख से 6 महीने के लिए बढ़ा दिया गया है। यानी सभी सरकारी एजेंसियां जैसे रेलवे, हाइवे आदि छह महीने तक ठेकेदारों को राहत देंगे। पीपीपी में भी छह महीने तक राहत दी जा सकती है। बिल्डरों को भी मकान पूरा करने के लिए वक्त मिलेगा।
कम रेटिंग वाले एनबीएफसी को भी कर्ज मिलेगा
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा एनबीएफसी के लिए 30 हजार करोड़ की स्कीम लाई जा रही है। डिस्कॉम को कैश फ्लो की दिक्कत हो रही है, उनके लिए 90 हजार करोड़ की सहायता तय की गई है। एनबीएफसी को 45,000 करोड़ की पहले से चल रही योजना का विस्तार होगा। आंशिक ऋण गारंटी योजना का विस्तार होगा। इसमें डबल ए या इससे भी कम रेटिंग वाले एनबीएफसी को भी कर्ज मिलेगा।
सैलरी का 24 फीसदी सरकार पीएफ में जमा करेगी
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा ईपीएफ के लिए दी गई सहायता अगले तीन माह के लिए बढ़ाई जा रही है, जो पहले मार्च, अप्रैल, मई तक दी गई थी। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा 15 हजार से कम सैलरी वालों को सरकारी सहायता, सैलरी का 24 फीसदी सरकार पीएफ में जमा करेगी। टेक होम सैलरी बढ़ाने के लिए सरकार ने यह कदम उठाया है। जिन कर्मचारियों का 24% ईपीएफ अंशदान सरकार नहीं भर रही है यानी जिनकी सैलरी 15 हजार से ज्यादा है, उनके मामले में नियोक्ता और कर्मचारी दोनों के लिए पीएफ में योगदान का प्रतिशत घटाकर 12 से 10 प्रतिशत किया गया है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा पीएफ कॉन्ट्रीब्यूशन अगले तीन महीनों के लिए घटाया जा रहा है, ये नियोक्ताओं के लिए किया गया है। सरकारी और पीएसयू को 12 प्रतिशत ही देना होगा। पीएसयू पीएफ का 12 फीसदी ही देंगे लेकिन कर्मचारियों को 10 प्रतिशत पीएफ देना होगा।
सरकारी बैंकों में फंसे हुए पैसे को अगले 45 दिनों में निकलवाया जाएगा। 200 करोड़ से कम वाले काम में ग्लोबल टेंडर नहीं होगा जिसका फायदा एमएसएमई को मिलेगा।
एमएसएमई की बदली परिभाषा
ज्यादा निवेश वाली कंपनियों को एमएसएमई के दायरे में ही रखा जाएगा। पहले सिर्फ निवेश के आधार पर तय किया जाता था। अब टर्नओवर के आधार पर भी एमएसएमई की परिभाषा तय की जाएगी। माइक्रो यूनिट में 25 हजार का निवेश तक माना जाता था अब एक करोड़ के निवेश करने वाली कंपनियां माइक्रो यूनिट होंगी। अब ये निवेश 1 करोड़ तक हो सकता है, और टर्नओवर 5 करोड़ तक हो सकता है लेकिन तब भी आप माइक्रो यूनिट के अंदर ही आएंगे।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने जो एनपीए हैं और जो लॉकडाउन के चलते परेशानी में हैं उन्हें इस कदम से फायदा होगा 45 लाख एमएसएमई को राहत, एक साल तक कर चुकाने से मुक्ति मिलेगी। एमएसएमई जो सक्षम हैं, लेकिन कोरोना की वजह से परेशान हैं, उन्हें कारोबार विस्तार के लिए 10,000 करोड़ रुपये के फंड्स ऑफ फंड के माध्यम से सहयोग दिया जाएगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा 15 विभिन्न कदमों का जिक्र होगा जिसमें 6 एमएसएमई के लिए कदम उठाएंगे दो कदम एमएसएमई के फाइनेंस से जुड़ा है और 2 पीएफ से जुड़े हैं। एमएसएमई को 3 लाख करोड़ का कर्ज बिना किसी गारंटी का मिलेगा। सूक्ष्म, लघु, मध्यम व कुटीर उद्योग के लिए 20 हजार करोड़ का प्रावधान। वहीं 50000 करोड़ का फंड एमएसएमई में डाला जाएगा।
बजट के फौरन बाद कोरोना आ गया। बजट सेशन के बाद हमने गरीब कल्याण योजना के तहत 41 करोड़ खातों में पैसा पहुंचा था। जिनके पास राशन कार्ड नहीं था उन्हें भी राशन दिया गया। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा मोदी सरकार लोगों से बातचीत और संवेदनशीलता में भरोसा रखती है और बजट के बाद तुरंत कोरोना का प्रकोप आ गया।
वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पीएम ने सबसे पहला कदम देश के गरीबों को लेकर उठाया। एक लाख 70 हजार करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया। वित्त राज्यमंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि पीएम ने सबसे पहला कदम देश के गरीबों को लेकर उठाया। एक लाख 70 हजार करोड़ रुपये का पैकेज दिया गया। आत्मनिर्भर भारत बनाने का उसने देश के लोगों में नई ऊर्जा भर दी है। लोग संकट में अवसर देख रहे हैं।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की प्रेस कॉन्फ्रेंस में 20 लाख करोड़ के आर्थिक पैकेज का लेखाजोखा दे रही हैं। उन्होंने कहा कि कई मंत्रालयों की लंबी चर्चा के बाद पैकेज पर फैसला हुआ है। इस पैकेज के सहारे देश को आत्म निर्भर बनाना है। इसलिए इसे आत्मनिर्भर भारत अभियान कहा जा रहा है। हम जो भी योजनाओं का ऐलान करेंगे वो सीधे लोगों तक पहुंचेगे। गरीबों के खाते में सीधे पैसा पहुंच रहा है।
उद्योगपति सज्जन जिंदल ने बुधवार को कहा कि प्रधानमंत्री के 20 लाख करोड़ रुपये के आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज से ‘मेक इन इंडिया कार्यक्रम में तेजी लाने में मदद मिलेगी। जिंदल स्टील वर्क्स समूह के चेयरमैन सज्जन जिंदल ने एक बयान में कहा कि ये पैकेज लघु एवं मध्यम उद्योगों, किसानों, करदाताओं और मध्यम वर्ग को राहत देने के लिए सही समय पर घोषित किया गया है।
उन्होंने कहा, ”इस पैकेज से भारतीय अर्थव्यवस्था को आत्मनिर्भर बनाने का सपना देखा गया है। इसके लिए हमें अपने जनसांख्यकीय लाभ, प्रौद्योगिकी कौशल और मजबूत घरेलू मांग का लाभ उठाना होगा। बेहतर बुनियादी ढांचा और आपूर्ति श्रृंखला स्थापित करनी होगी जो मेक इन इंडिया कार्यक्रम को तेज करने में मदद करेगी। प्रधानमंत्री मोदी ने ‘स्थानीय वस्तुओं के उपयोग पर जोर दिया है जो लड़खड़ाते घरेलू विनिर्माण उद्योग के लिए एक स्पष्ट संदेश है।
निर्मला सीतारमण से उम्मीदें
फिक्की की अध्यक्ष संगीता रेड्डी ने कहा कि पांच आधार.अर्थव्यवस्था, बुनियादी ढांचा, व्यवस्था, जनसंख्या और मांग को मजबूत करने से भारत फिर से सतत वृद्धि के रास्ते पर आएगा। वहीं सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमाबइल मैनुफैक्चरर्स ने उम्मीद जतायी कि जब वित्त मंत्री पैकेज की बारीकियों की घोषणा करेंगी, देश के वाहन उद्योग की मदद के लिए एक केंद्रित पैकेज का ऐलान करेंगी।
किसानों की भी लगी है आस
इसके अलावा आर्थिक पैकेज से कुटीर उद्योग, गृह उद्योग, हमारे लघु-मझोले उद्योग को भी काफी उम्मीदें हें। पीएम ने अपने राष्ट्र के नाम संदेश में जो बाते कहीं उस हिसाब से इस पैकेज में किसानों के लिए भी बहुत कुछ हो सकता है। मोदी ने कहा था कि आत्मनिर्भर भारत के हमारे संकल्प का मजबूत आधार है। ये आर्थिक पैकेज देश के उस श्रमिक के लिए है, देश के उस किसान के लिए है, जो हर स्थिति, हर मौसम में देशवासियों के लिए दिन रात परिश्रम कर रहा है।
बता दें मोदी ने बताया कि वित्त मंत्री सभी क्षेत्रों से जुड़े ऐलान बुधवार से एक-एक करके करेंगी। हालांकि, उन्होंने ये संकेत जरूर दिए कि इस पैकेज में समाज से जुड़े हर वर्ग का ध्यान रखा गया है। गरीबों, श्रमिकों, प्रवासियों और मछुआरों सहित सभी वर्गों को मजबूत बनाने की दिशा में तैयारी कर ली गई है। इसको लेकर आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि कोरोना को लेकर भारत का पैकेज काफी व्यपाक होने की उम्मीद है। इसमें किसानों मजदूरों को विशेष राहत के साथ कंपनियों को कर छूट सहित कई तरह की रियायत मिल सकती है। सरकार की नजर चीन से बाहर निकलने वाली कंपनियों पर है। ऐसे में सरकार विदेशी निवेश को आकर्षित करने के लिए विशेष रियायत की घोषणा भी कर सकती है।
प्रधानमंत्री ने भारत को आने वाले दिनों में वैश्विक स्तर पर बड़ी आर्थिक ताकत बनाने का रोडमैप भी दिया। उन्होंने कहा कि भारत के पास दुनिया की बेहतरीन प्रतिभा है। इसके इस्तेमाल से हम आने वाले दिनों में सबसे बेहतर उत्पाद बनाएंगे और उसकी गुणवत्ता में सुधार करते हुए आपूर्ति श्रृंखला को भी आधुनिक बनाना होगा। मोदी ने कहा कि आत्मनिर्भर भारत के संकल्प को सिद्ध करने के लिए पैकेज में जमीन, श्रमिकों, लिक्विडिटी और जरूरी कानूनों में बदलावों की भी व्यवस्था की जाएगी।