फाल्गुन महीने के कृष्णपक्ष की अष्टमी को सीता जयंती मनाई जाती है। यह पर्व इस बार 16 फरवरी को है। बिहार के सीतामढ़ी जिले के पुनौरा गांव में मां जानकी जन्मभूमि मंदिर है। इसे पुनौरा धाम के नाम से भी जाना जाता है।
सीतामढ़ी शहर से पांच किलोमीटर पश्चिम में पुनौरा गांव में भव्य जानकी मंदिर है। ऐसा माना जाता है कि माता सीता का जन्म इसी स्थान पर हुआ था। इससे जुड़ी कथा है कि मिथिला में एक बार भीषण अकाल पड़ा। पुरोहित ने राजा जनक को खेत में हल चलाने की सलाह दी। पुनौरा में राजा जनक ने खेत में हल जोता था। जब राजा जनक हल चला रहे थे तब जमीन से मिट्टी का एक पात्र निकला, जिसमें माता सीता शिशु अवस्था में थी
आस-पास है कईं महत्वपूर्ण तीर्थ
पुनौरा के आस पास सीता माता एवं राजा जनक से जुड़े कई तीर्थ स्थल है। जहां राजा ने हल जोतना प्रारंभ किया था, वहां पहले उन्होनें महादेव का पूजन किया था। उस शिवालय को हलेश्वर मंदिर के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि एक समय पर विदेह नाम के राजा ने इस शिव मंदिर का निमार्ण पुत्रेष्टि यज्ञ के लिए करवाया था।
होती है संतान की प्राप्ति
पुनौरा धाम में मंदिर के पीछे जानकी कुंड के नाम से एक सरोवर है। इस सरोवर को लेकर मान्यता है कि इसमें स्नान करने से संतान प्राप्ति होती है। यहां पंथ पाकार नाम की प्रसिद्ध जगह है। यह जगह माता सीता के विवाह से जुड़ी हुई है। इस जगह पर प्राचीन पीपल का पेड़ अभी भी है, जिसके नीचे पालकी बनी हुई है।