आयकर विभाग ने डिजिटल मार्केटिंग में लगे एक समूह और ठोस कचरा प्रबंधन में लगी एक अन्य इकाई पर छापेमारी के बाद करोड़ों रुपये की कर चोरी का पता लगाया है। यह छापेमारी 12 अक्तूबर को की गई थी। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड(सीबीडीटी) ने इसकी जानकारी दी है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक बयान में कहा कि पहला समूह डिजिटल मार्केटिंग और कैंपेन प्रबंधन में लगा हुआ है। एजेंसी ने कंपनी के बंगलूरू, सूरत, चंडीगढ़ और मोहाली में स्थित सात परिसरों पर छापेमारी की है। पाए गए साक्ष्यों से पता चला है कि समूह एक एंट्री ऑपरेटर को काम देकर फर्जी व्यावसायिक प्रविष्टियां प्राप्त करने में लगा हुआ था। वहीं एंट्री ऑपरेटर ने हवाला ऑपरेटरों के माध्यम से समूह की नकदी और बेहिसाब आय के हस्तांतरण की सुविधा प्रदान करने की बात स्वीकार की है। सीबीडीटी ने कहा कि व्यय की मुद्रास्फीति और राजस्व की कम रिपोर्टिंग का भी पता चला है और समूह को बेहिसाब नकद भुगतान में लिप्त पाया गया है।
दूसरे समूह पर भी हेराफेरी का आरोप
वहीं दूसरा समूह ठोस अपशिष्ट प्रबंधन में लगा हुआ है और देश भर में ठोस अपशिष्ट संग्रह, परिवहन, प्रसंस्करण और निपटान सेवाओं में काम करता है, मुख्य रूप से भारतीय नगर पालिकाओं के कामों को देखता है। बयान में कहा गया है साक्ष्य से पता चलता है कि इस समूह ने खर्चों और उप-अनुबंधों के लिए फर्जी बिलों की बुकिंग में लिप्त है और इस तरह के फर्जी खर्चों का प्रारंभिक अनुमान 70 करोड़ रुपये है। इसके अलावा करीब सात करोड़ रुपये की संपत्ति में बेहिसाब निवेश का पता चला है और 1.95 करोड़ रुपये की बेहिसाब नकदी और 65 लाख रुपये के जेवरात मिले हैं।