ग्रहों की बदलती चाल की वजह से मंगलवार को दोपहर एक बजकर 16 मिनट पर सूर्य, बृहस्पति और पृथ्वी एक रेखा में आ गए। खगोलविदों की मानें तो 14 से 20 जुलाई का समय खगोल विज्ञान की दृष्टि से खास होने वाला है। इन सात दिनों में तीन बड़ी खगोलीय घटनाएं हो रही हैं।
यह इस बार दुर्लभ संयोग होगा कि सात दिनों के अंदर पृथ्वी की तीन ग्रहों बृहस्पति, शनि और प्लूटो के साथ ऐसी स्थिति बनेगी। मंगलवार को सूर्यास्त के बाद शाम 7.43 बजे पूर्व दिशा में बृहस्पति उदित होता दिखाई दिया। वहीं, देर रात 12.28 बजे बृहस्पति ग्रह पृथ्वी के सबसे करीब आ गया। इस वक्त बृहस्पति के चारों चांद भी आसमान में दिखाई दिए। बुधवार सुबह 5.09 बजे के बाद से यह ग्रह दिखना बंद हो जाएगा।
20 साल बाद आया ऐसा मौका-
बृहस्पति ग्रह रात को 12.28 बजे सूर्य के ठीक विपरित आ गया। इसे ऑपोजिशन ऑफ ज्यूपिटर कहा जाता है। वैसे तो पृथ्वी हर साल एक बार सूर्य और बृहस्पति ग्रह के बीच में आती है, लेकिन इस तरह उसके बृहस्पति ग्रह के इतने नजदीक आने का अवसर 20 साल बाद आया है। इससे पहले ऐसा साल 2000 में हुआ था और अब आगे साल 2040 में होगा।
गुरुवार को होगी एक और खगोलीय घटना-
16 जुलाई, गुरुवार को सूर्य और प्लूटो के बीच पृथ्वी आ जाएगी। इस दिन सुबह 7.47 बजे से यह खगोलीय घटना देखी जा सकेगी। इस वक्त ये तीनों ग्रह एक रेखा में होंगे। 20 जुलाई को ऑपोजिशन ऑफ सैटर्न की स्थिति बनेगी। 20-21 जुलाई की मध्यरात्रि को 3.44 बजे सूर्य और शनि ग्रह के बीच पृथ्वी आ जाएगी। साल 2000 में गुरु और शनि ग्रहों के साथ पृथ्वी की यह स्थिति बनी थी।