भोपाल। इंदौर से शुक्रवार को बड़ी खुशखबरी मिली। यहां एक साथ 34 कोरोना पॉजिटिव मरीज ठीक होकर घर पहुंचे। अप्रैल माह का यह पहला दिन रहा, जब वहां कोई मौत भी नहीं हुई है। पॉजिटिव मरीज की संख्या भी घटकर 50 हो गई। गुरुवार को यह 244 थी। हालांकि भोपाल में दो सगे भाइयों सहित तीन संदिग्ध की मौत हुई। करीब 500 सैंपल की टेस्ट रिपोर्ट आई, जिसमें से सिर्फ 11 पॉजिटिव निकले। विशेष विमान से 1317 सैंपल जांच के लिए दिल्ली भेजे गए हैं। करीब 1300 सैम्पल शनिवार को भी भेजे जाएंगे। सैंपल की रिपोर्ट शनिवार शाम से आने की उम्मीद है, जिससे हो सकता है कि मरीजों का आंकड़ा एक-दो दिन तेजी से बढ़े। राहत की बात यह है कि ये सैंपल पहले से क्वारेंटाइन लोगों के ही हैं।
एक दिन के अंतराल में चले गए दोनों भाई
जीएमसी के डीन डॉ. एके श्रीवास्तव के अनुसार, मरने वालों में बाग दिलकुशा ऐशबाग निवासी कल्लू यादव (42) और बबलू यादव (35) शामिल हैं। दोनों सगे भाई थे और चंद घंटों के अंतराल में दोनों की जान चली गई। कल्लू को 15 अप्रैल को भर्ती किया गया था। उनकी गुरुवार को मौत हो गई, जबकि बबलू की मौत शुक्रवार सुबह हुई। टाइफाइड और सर्दी-जुकाम के कारण शाकीर अली अस्पताल में भर्ती किया गया था। इनके अलावा हेमलता सेन (36) की मौत हुई है। वे राजगढ़ सिविल लाइंस की रहने वाली थीं। इन्हें बुधवार को हमीदिया रेफर किया गया था।
दूसरी रिपोर्ट पॉजिटिव आने के बाद ही मिलेगी अफसरों को छुट्टी
प्रमुख सचिव स्वास्थ्य पल्लवी जैन गोविल और हेल्थ कॉरपोरेशन के सीईओ जे. विजय कुमार की कोरोना रिपोर्ट निगेटिव आ गई है। फिलहाल ये चिरायु अस्पताल में भर्ती हैं। एक-दो दिन में इनके और सैंपल लिए जाएंगे। दूसरी रिपोर्ट भी निगेटिव आने के बाद इन्हें अस्पताल से छुट्टी दी जाएगी।
10 अप्रैल को आया था आखिरी केस: मुरैना में 10 दिन में रोका संक्रमण, 9 हजार का हेल्थ चैक अप, 7 डिस्चार्ज
कोरोना के संक्रमण को 10 दिन के अंदर ही कंट्रोल कर मुरैना ने मिसाल पेश की है। जिले में पहला केस एक अप्रैल को आया था। दुबई से आए सुरेश बरेठा और उनकी पत्नी पॉजिटिव आई थी। इन दोनों के कारण पूरा परिवार कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गया। इसके बाद प्रशासन ने 3500 घर और करीब 9 हजार आबादी के इलाके को सील कर दिया था। मेडिकल की 10 टीमें लगाकर हेल्थ चेकअप कराया गया। इसमें 10 साल कम उम्र के बच्चे, बुजुर्ग, हाइपर टेंशन, शुगर, ब्लड प्रेशर और सर्दी-जुकाम-खांसी के मरीजों की कैटेगरी बनाई गई। मुरैना में आखिरी केस 10 अप्रैल को आया, ये भी सुरेश के चाचा थे। इनकी पहली रिपोर्ट निगेटिव आई थी, लेकिन दूसरी बार पॉजिटिव पाए गए।