नई दिल्ली । आज देश सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती मना रहा है। भारत के लौह पुरुष सरदार पटेल का जन्म 1875 में आज ही के दिन गुजरात के नाडियाड में हुआ था। वह भारत के पहले उप प्रधानमंत्री और गृह मंत्री थे। उन्होंने देश की 564 रियासतों को एकता के सूत्र में बांध कर अखंड भारत की रचना की थी। 1917 से 1924 तक अहमदनगर के पहले भारतीय निगम आयुक्त के रूप में सेवा दी। 1924 से 1928 तक वह इसके निर्वाचित नगरपालिका अध्यक्ष भी रहे। उन्होंने भारतीय प्रशासनिक सेवा और भारतीय पुलिस सर्विस की नींव रखी। 1991 में वह भारत रत्न से सम्मानित हुए। 15 दिसंबर, 1950 को 75 साल की उम्र में दुनिया को अलविदा कह गए।
लौह पुरुष सरदार वल्लभभाई पटेल की 144वीं जयंती के मौके पर पीएम नरेंद्र ने गुजरात के केवड़िया में स्टैचू ऑफ यूनिटी पहुंचकर उन्हें श्रद्धांजलि दी। इस दौरान पीएम मोदी ने एकता दिवस परेड को सलामी दी। यहां कई कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। यहां अपने संबोधन में पीएम मोदी ने एकता और सरदार पटेल को लेकर कई बातें की।
‘अनेकता में एकता हमारी पहचान’
पीएम मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि भारत की विविधता, एकता, कई भाषाएं, कई बोली ही हमारी शान है। इस दौरान पीएम मोदी ने सरदार पटेल को याद करते हुए कहा कि सरदार पटेल ने देश की एकता के लिए काम किया। उनकी प्रतिमा एकता का एक प्रतीक है।