नई दिल्ली. दंगा भड़काने के आरोपी पार्षद ताहिर हुसैन ने गुरुवार को रोज एवेन्यू कोर्ट में सरेंडर की कोशिश की। लेकिन, अदालत ने यह कहते हुए इनकार कर दिया कि यह हमारे अधिकार क्षेत्र का मामला नहीं है। इसके बाद दिल्ली पुलिस ने उसे कोर्ट की पार्किंग से गिरफ्तार कर लिया। ताहिर ने कड़कड़डूमा कोर्ट में अग्रिम जमानत के लिए भी अर्जी दाखिल की थी, जिसे कोर्ट ने खारिज कर दिया। दंगे में नाम सामने आने के बाद आम आदमी पार्टी ने ताहिर को पार्टी से निलंबित कर दिया था। ताहिर पर 28 फरवरी को पुलिस ने केस दर्ज किया था।
मेरे घर पर ताला लगा था और चाबियां पुलिस के पास थीं- ताहिर
अग्रिम जमानत अर्जी में ताहिर ने कहा- 24 फरवरी को जब भीड़ ने एक फैक्ट्री पर हमला किया तो पुलिस ने फैक्ट्री के पास स्थित मेरे मकान का मुआयना किया। इस दौरान एसीपी क्राइम और कुछ अन्य अधिकारी मौजूद थे। फैक्ट्री और घर दोनों बंद थे और चाबियां पुलिस को दे दी गई थीं। 24 फरवरी की पूरी रात और 25 फरवरी का पूरा दिन में अपने दोस्त के घर पर था। 25 फरवरी को सुबह साढ़े आठ बजे कुछ कपड़े लेने के लिए थोड़ी देर के लिए घर गया था, लेकिन घर के सामने भीड़ जमा थी इसलिए ऐसा नहीं कर पाया। वहां मौजूद पुलिसवालों ने मुझे सलाह दी कि यहां से चले जाओ।
ताहिर की छत से ईंट-पत्थर और गुलेल मिले थे
हिंसा के बाद पार्षद ताहिर के घर की छत से ईंट-पत्थर, गुलेल और हिंसा के लिए उपयोग में लाए जा सकने वाले सामान मिले थे। उसके घर में तेजाब को बोतलों में भरकर रखा गया था। आप सांसद संजय सिंह ने कहा था कि उसके खिलाफ दिल्ली के दयालपुर पुलिस थाने में धारा 302 (हत्या) के तहत एफआईआर दर्ज है। दिल्ली हिंसा मामले में अब तक 531 केस दर्ज किए जा चुके हैं। इनमें 47 आर्म्स एक्ट के हैं। 1647 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है।
8 दिन के बाद शाहरुख की गिरफ्तारी हुई
मोहम्मद शाहरुख को दिल्ली क्राइम ब्रांच ने 3 मार्च को उत्तर प्रदेश के शामली से गिरफ्तार किया था। शाहरुख ने 24 फरवरी को जाफराबाद में पुलिस जवान पर पिस्तौल तानी थी और 8 राउंड फायरिंग की थी। वह 8 दिन से वह फरार था।
राहुल ने कहा था- दिल्ली हिंसा से भारत की छवि को ठेस पहुंची
कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी के अन्य नेताओं ने बुधवार को हिंसा प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया था। उन्होंने कहा था कि दिल्ली हिंसा से दुनियाभर में भारत की छवि को ठेस पहुंची है। कांग्रेस के सूत्रों ने कहा- प्रतिनिधिमंडल बृजपुरी नाले से आगे नहीं गए। सुरक्षा कारणों की वजह से पुलिस ने उन्हें आगे न जाने की सलाह दी थी। बुधवार को राहुल गांधी ने कहा था कि दिल्ली हिंसा पर चर्चा करने के लिए हम सरकार पर दबाव बना रहे हैं। विपक्ष संसद में दिल्ली दंगे पर चर्चा की लगातार मांग कर रहा है।
हिंसा के दौरान आगजनी की 300 घटनाएं रोकीं: रैपिड एक्शन फोर्स
उत्तर-पूर्वी दिल्ली में टकराव की शुरुआत 22 फरवरी की शाम को हुई थी, जब जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे की सड़क पर बड़ी संख्या में प्रदर्शनकारी जुटने लगे। इनमें ज्यादातर महिलाएं थीं। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि शाहीन बाग की तरह हम यहां से भी नहीं हटने वाले। लेकिन पुलिस वहां से तिरपाल और तख्त उठाकर ले गई थी। पूर्वी दिल्ली के मौजपुर में भी प्रदर्शनकारियों ने एक सड़क बंद कर रखी थी। हिंसा रोकने के लिए रैपिड एक्शन फोर्स (आरएएफ) समेत भारी संख्या में सुरक्षाबलों को तैनात किया गया था। हिंसा के दौरान सुरक्षाबलों ने आगजनी की 300 घटनाएं रोकीं। इसके बावजूद दंगाइयों ने 79 घर और 327 दुकानें पूरी तरह से जला दी थी।