कोरोना संकट के इस दौर में खतरनाक महामारी के कहर से लोगों की जान बचाने वाले जिन स्वासाथ्यकर्मियों पर एक अप्रैल को मध्यप्रदेश के इंदौर में हमला हुआ था, वे सभी फिर से अगले ही दिन काम पर लौट चुके हैं। मेडिकल ऑफिसर डॉक्टर त्रुप्ति कटडारे ने कहा कि हम नहीं जानते हैं कि उन लोगों ने पत्थरबाजी क्यों की, लेकिन हम इससे डरेंगे नहीं, हम अपना काम जारी रखेंगे।’
बुधवार को इंदौर के टाट पट्टी बाखल इलाके में कोरोना वायरस से संदिग्ध एक बुजुर्ग महिला का मेडिकल चेकअप करने के लिए स्वास्थ्यकर्मियों की टीम, जिसमें डॉक्टर, नर्स और आशा कार्यकर्ता शामिल थे, लाने आई थी। स्थानीय लोगों ने उनका विरोध किया और पथराव कर दिया। उन्होंने लाठी-डंडों से उनका पीछा किया और फिर किसी तरह स्वास्थ्यकर्मियों की टीम जान बचाते भागी।
ईमानदारी से अपनी ड्यूटी निभाने वाले कोरोना योद्धाओं पर पत्थर चलाने वालों के खिलाफ शिवराज सरकार ने बड़ा एक्शन लिया है। कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम में लगी सरकारी अमले की टीम पर इंदौर की टाट पट्टी बाखल में पथराव करने वाले 7 में से चार लोगों के खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (रासुका) के तहत कार्रवाई की गई है।
मानवाधिकार सिर्फ मानवों के लिए होता है: शिवराज
मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने दोषियों को चेतावनी देते हुए कहा कि मानवाधिकार सिर्फ मानवों के लिए होता है। मुख्यमंत्री ने अपने ट्वीट में लिखा, ‘COVID-19 के खिलाफ युद्ध लड़ने वाले मेरे सभी डॉक्टर्स, नर्सेज़, पैरामेडिकल स्टाफ, एएनएम, आशा और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता और नगरीय निकाय कर्मचारी, आप कोरोना वायरस के खिलाफ अपनी लड़ाई जारी रखें। आपकी सम्पूर्ण सुरक्षा की ज़िम्मेदारी मेरी है। मैं आपकी कर्तव्यनिष्ठा को प्रणाम करता हूं!’