डेस्क। चैत्र महीने की पूर्णिमा के दिन हनुमान जी का जन्मोत्सव मनाया जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हनुमान जी भगवान शिव के अवतार हैं और चैत्र माह में पूर्णिमा तिथि के दिन मां अंजनी की कोख से हनुमान जी ने जन्म लिया था।
हनुमान जी के जन्मोत्सव के दिन स्नान करने के बाद अपने घर के मंदिर में हनुमान जी के समक्ष दीप जलाएं। अगर संभव हो तो इस दिन हनुमान जी के समक्ष घी का दीपक जलाएं। हनुमान जन्मोत्सव के दिन हनुमान जी का श्रृंगार अवश्य करें। सबसे पहले हनुमान जी को स्नान करवाएं, उसके बाद हनुमान जी को साफ धुले हुए वस्त्र पहनाएं। अगर आपके घर में हनुमान जी का सिंदूर है तो इस दिन आप घर में ही चोला भी चढ़ा सकते हैं। सिंदूर में घी या चमेली का तेल मिलाकर हनुमान जी को चढ़ाने से हनुमान जी खुश होते हैं।
हनुमान जी का श्रृंगार करने के बाद हनुमान जी की पूजा करें। घर में ही हनुमान चालीसा का पाठ करें और भगवान राम के नाम का संकीर्तन करें। इस दिन हनुमान चालीसा, संकटमोचन हनुमानअष्टक, बजरंग बाण का पाठ भी करना चाहिए। अगर संभव हो तो इस दिन सुंदरकांड का पाठ भी करें।
हनुमान जी की पूजा के बाद हनुमान जी को अपनी इच्छानुसार भोग लगाएं। हनुमान जी को सात्विक आहार का भोग लगाया जाता है और भोग में कुछ न कुछ मीठा अवश्य बनाएं। भोग लगाने के बाद परिवार के सभी सदस्य हनुमान जी की आरती करें। आरती के बाद हनुमान जी को लगाएं हुए भोग को प्रसाद के रुप में सभी परिवार के लोगों को दें। अगर संभव हो तो भोग का एक हिस्सा गाय को भी खिलाएं।
बुधवार, 8 अप्रैल को हनुमान जी का जन्मोत्सव है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार हनुमान जी का जन्म चैत्र महीने की पूर्णिमा के दिन हुआ था। इस साल यह तिथि 8 अप्रैल, बुधवार के दिन पड़ रही है। हनुमान जन्मोत्सव के दिन हनुमान जी की पूजा करने से मनावांछित फलों की प्राप्ति होती है।