लखनऊ। बुजुर्ग से लेकर गंभीर रोगों से बीमार एवं कमजोर व्यक्ति लॉकडाउन में अपने स्वास्थ्य एवं भविष्य को लेकर ज्यादा चिंतित हैं। गले में जरा सी खराश, खांसी, बुखार होने पर उसे बेवजह कोरोना से जोड़ने लगते हैं यदि इस प्रकार की दिक्कत है तो घबराने की जरूरत नहीं है। क्योंकि इन पर नियंत्रण सम्भव है।
यह जानकारी देते हुए वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक डॉ. अनुरुद्ध वर्मा ने बताया कि सरकार के पास कोरोना महामारी पर प्रभावी रोकथाम के लिए लॉक डाउन के अलावा कोई दूसरा विकल्प नहीं था, लेकिन इस दौरान लोगों के व्यवहार में परिवर्तन संभव है। इसके डर ने लोगों में अपनी एवं अपनों के सेहत की चिंता, कहीं मैं बीमार ना हो जाऊं, कहीं मैं मर ना जाऊं, व्यापार के नुकसान की चिंता सता रही है। लॉकडाउन ज्यादा दिन ना चल जाए कि अफवाह ने लोगों की चिंता को बढ़ा दिया है।
वरिष्ठ होम्योपैथिक चिकित्सक का कहना है कि अपने ऊपर नकारात्मक विचार ना हॉवी होने दें। अपनी भावनाओं को लोगों से शेयर करें। खुद समझें एवं दूसरों को समझाएं। उन्होंने कहा कि सकारात्मक विचारों वाली पुस्तकें पढ़ें। फोन पर अपनों का हाल चाल लें एवं अपनी भी खबर देते रहें। सुरुचिपूर्ण संगीत सुने, परिवारीजनों के साथ बातचीत करें, एकाकीपन ना हावी होने दें। नियमित रूप से योग, व्यायाम, प्राणायम एवं मैडिटेशन करतें रहें। घर की छत पर टहलें।
डॉ. वर्मा ने बताया कि यदि आप थोड़ी सी सावधानी अपनायेंगे तो यह समस्याएं आसानी से सुलझ जाएंगी। कोरोना से बचाव के लिए लॉकडाउन के निर्देशों का पालन करें एवं सामाजिक दूरी बनाये रखें। हाथों को लगातार धोतें रहें, मास्क का प्रयोग करें, गुनगुना पानी पिये, घर के बाहर निकलें। उन्होने यह भी सलाह दी कि यदि आपके व्यवहार में परिवर्तन है आप बिना वजह के परेशान हैं तो होम्योपैथिक चिकित्सक से सलाह लें, क्योंकि होमियोपैथी में इस इस प्रकार की समस्याओं के समाधान की प्रभावी औषधियां उपलब्ध हैं।