डेस्क। ईस्टर संडे का त्योहार ईसाई समुदाय के लोगों के लिए बहुत ही महत्व रखता है। इस बार 12 अप्रैल, रविवार को ईस्टर संडे का पर्व है। दरअसल गुड फ्राइडे के दिन प्रभु यीशु को कई तरह की यातनाएं देते हुए सूली पर चढ़ा दिया गया था। इसके बाद ईस्टर संडे को प्रभु यीशु पुन: जीवित हो गए थे। प्रभु के दोबारा जिंदा होने की खुशी में ईसाई समुदाय के लोग इस दिन को खुशियों के तौर पर मनाते हैं। ईस्टर संडे के दिन बड़ी संख्या में ईसाई धर्म के लोग अपने परिवार संग चर्च में एकत्रित होते हैं और प्रार्थना में भाग लेते हैं। ईस्टर संडे के दिन पर दोबारा जीवित होने के बाद 40 दिनों तक रहकर अपने शिष्यों को सत्य के रास्ते पर चलने का संदेश दिया। 40 दिनों के बाद प्रभु यीशु ने दोबारा अपने प्राण को त्यागकर स्वर्ग की प्राप्ति हुई।
गुड फ्राइडे के दिन ईसा मसीह ने सत्य की रक्षा करते हुए और लोगों को सत्य के मार्ग पर चलने का संदेश देते हुए सूली पर चढ़कर अपने प्राण त्याग दिए थे। माना जाता है कि गुड फ्राइडे पर प्रभु यीशु की मृत्यु के बाद रविवार के दिन फिर से जीवित हो गए। तब से इस खुशी में ईस्टर संडे का पर्व मनाया जाता है।