नयी दिल्ली। स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोरोना वायरस से प्रभावित हुये 15 राज्यों के 25 जिलों में संक्रमण के थमने की जानकारी देते हुये सोमवार को बताया कि इन जिलों में पिछले 14 दिनों में कोविड-19 का कोई मामला सामने नहीं आया है।
स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने नियमित संवाददाता सम्मेलन में यह जानकारी देते हुये बताया कि देश में कोरोना वायरस से संक्रमण के कुल मरीजों की संख्या बढ़कर अब 9,152 हो गयी है, जबकि इससे मरने वालों की संख्या 308 पर पहुंच गयी है। उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटों में देश में कोरोना वायरस से संक्रमण के 796 नये मामले सामने आये हैं और इस अवधि में 35 मरीजों की मौत हो गयी।
इस दौरान भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के वरिष्ठ वैज्ञानिक रमन आर गंगाखेड़कर ने देश में कोरोना वायरस के परीक्षण के लिये पर्याप्त संसाधन उपलब्ध होने का विश्वास व्यक्त करते हुये कहा, ‘‘हमारे पास अगले छह सप्ताह तक परीक्षण करने के पर्याप्त भंडार मौजूद हैं और अब तक दो लाख से अधिक परीक्षण किये जा चुके हैं।’’ अग्रवाल ने कहा कि अब तक 857 मरीजों को इलाज के बाद स्वस्थ होने पर अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी है। इनमें पिछले 24 घंटों में स्वस्थ होने वाले 141 मरीज भी शामिल हैं।
उन्होंने कहा कि देश में संक्रमण को रोकने के लिये लॉकडाउन के दौरान जिला स्तर पर किये गये प्रयासों का परिणाम मिलना शुरु हो गया है। अग्रवाल ने कहा कि इसी का नतीजा है कि संक्रमण से प्रभावित देश के 15 राज्यों के 25 जिलों में पिछले 14 दिनों में संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है।
अग्रवाल ने कहा कि इन जिलों में महाराष्ट्र का गोंदिया, छत्तीसगढ़ का राजनंदगांव, दुर्ग और बिलासपुर, कर्नाटक का दावनगिरि, केरल में वायनाड और कोट्टायम, मणिपुर में इंफाल पश्चिम, मणिपुर में आइजॉल पश्चिम, पुडुचेरी में माहे, जम्मू कश्मीर में राजौरी, पंजाब में एसबीएस नगर, राजस्थान में प्रतापगढ़, हरियाणा में पानीपन, रोहतक और सिरसा, उत्तराखंड में पौढ़ी गढ़वाल, तेलंगान में भद्रादरी कोटागुडम, गोवा में दक्षिणी गोवा और बिहार में पटना, नालंदा एवं मुंगेर जिले शामिल हैं।
उन्होंने बताया कि कोविड-19 से संबंधित मुख्य रणनीतिक समूह कोरोना वायरस के त्वरित एवं किफायती परीक्षण और नयी दवा की खोज में निरंतर प्रयासरत है। इस समूह का गठन स्वास्थ्य मंत्री डा हर्षवर्धन की निगरानी में सीएसआईआर और इसकी 38 प्रयोगशालाओं द्वारा कोरोना पर किये गये विस्तृत शोध की समीक्षा के आधार पर किया गया है।