नई दिल्ली। कोविड-19 महामारी की वजह से लागू लॉकडाउन के दौरान उपभोक्ताओं को मनोवैज्ञानिक दबाव से मुक्ति दिलाने के लिए उन्हें असीमित मुफ्त फोनकॉल, डाटा का इस्तेमाल और डीटीएच सुविधा प्रदान कराने के लिए उच्चतम न्यायालय में एक याचिका दायर की गई है।
याचिका में लॉकडाउन के दौरान या पृथकवास में रखे गए लोगों पर पड़ रहे मानसिक दबाव को कम करने के लिए स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय को उचित कदम उठाने का निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। यह याचिका अधिवक्ता मनोहर प्रताप ने दायर की है।
याचिका में सरकार और दूरसंचार नियामक प्राधिकरण को लॉकडाउन के दौरान डीटीएच सेवा प्रदाताओं के लाइसेंस के करार की संबंधित शर्तों को लागू करने और उपभोक्ताओं को असीमित मुफ्त फोनकॉल और उनके चैनलों व उसकी सामग्री को देखने की अनुमति प्रदान करने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है।
याचिका में कहा गया है कि फोन पर लंबी लंबी बातें करके, वीडियो चैट या डीटीएच प्लेटफाम पर टीवी चैनल देखकर मनोरंजन के माध्यम से मनोवैज्ञानिक दबाव कम करने में मदद मिलेगी। लॉकडाउन के दौरान केंद्र और राज्य सरकारों ने लोगों को जीवित रहने के लिए भोजन, आवास और दूसरी सुविधायें मुहैया कराने के लिए अनेक कदम उठाए हैं लेकिन दिन प्रतिदिन बढ़ रहे मनोवैज्ञानिक दबाव को कम करने के लिये ऐसा कोई कदम नहीं उठाया गया है।
याचिका में कहा गया है कि असीमित मुफ्त आडियो और वीडियो संचार सुविधा रास्ते में फंसे लोगों को अपने परिवारों से संपर्क करने और मौजूदा स्थिति से निबटने में मददगार होगी।