नई दिल्ली। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी संकट को देखते हुए आरबीआई ने कई फैसले किए हैं। रिजर्व बैंक ने रिवर्स रेपो रेट में 25 बेसिस पॉइंट की कटौती की है। रिवर्स रेपो रेट को 4 पर्सेंट से घटाकर 3.75 पर्सेंट कर दिया है। एक एक महीने में दूसरी बार कटौती है।
रिजर्व बैंक ने सिस्टम में तरलता बढ़ाने के लिए नॉन-बैंकिंग सेक्टर के लिए 50 हजार करोड़ रुपये की सहायता की घोषणा की है।नाबार्ड, सिटबी और हाउसिंग बैंक को भी 50 हजार करोड़ रुपये की मदद दी जाएगी। 25 हजार करोड़ नाबार्ड को दिए जाएंगे। 15 हजार करोड़ रुपये सिडबी को दिए जाएंगे।
आरबीआई गवर्नर ने कहा कि मार्च 2020 से माइक्रोइकॉनमी पर बुरा असर पड़ा है। आईएमएफ कहा है कि दुनिया महामंदी के बाद सबसे खराब मंदी देखने जा रही है। ग्लोबल जीडीपी पर 9 ट्रिलियन डॉलर का नुकसान होगा, यह जापाना और जर्मनी की जीडीपी के बराबर है। भारत कुछ उन देशों में जिनमें 1.9 पर्सेंट का पॉजिटिव ग्रोथ होगा, यह सबसे तेज ग्रोथ होगा।
शक्तिकांत दास की प्रेस कॉन्फ्रेंस की बड़ी बातें
आरबीआई ने रिवर्स रेपो रेट 0.25 फीसद घटाकर 3.75 फीसद किया।
आरबीआई ने कहा एलटीआरओ की रकम से बैंक विभिन्न एनबीएफसी की करें।
नाबार्ड, सिडबी और नेशनल हाउसिंग बैंक के लिए आरबीआई ने राहत की घोषणा की।
नाबार्ड, सिडबी और नेशनल हाउसिंग बैंक को 50000 करोड़ की मदद।
नाबार्ड को स्पेशल रिफाइनेंस के तहत 25,000 करोड़ रुपये मिलेंगे।
लॉकडाउन में मोबाइल और नेटबैंकिंग में कोई परेशानी नहीं है।
सिस्टम में लिक्विडिटी बनाए रखने के लिए आरबीआई ने नए कदमों का एलान किया।
बैंक क्रेडिट फ्लो में छूट के लिए नए प्रस्तावों पर विचार।
27 मार्च के बाद लिक्विडिटी में तेजी से बढ़ोत्तरी हुई।