पाकिस्तान के पूर्व कप्तान शाहिद अफरीदी इन दिनों अपने देश में कोरोना वायरस की वजह से प्रभावित हुए लोगों की मदद के लिए काफी कुछ कर रहे हैं। वो अपने फाउंडेशन के साथ मिलकर जरूरतमंदों को राशन और अन्य सामान पहुंचा रहे हैं। इस बात के लिए लोगों से उन्हें काफी तारीफें मिल रही हैं। इसी बीच वो एक बार फिर से चर्चा में आ गए हैं। इस बार वह 2019 में प्रकाशित हुई अपनी आत्मकथा ‘गेम चेंजर’ में टीम इंडिया के पूर्व क्रिकेटर और बीजेपी सांसद गौतम गंभीर के ऊपर लगाए गए आरोपों के चलते सुर्खियों में बने हुए हैं। शाहिद अफरीदी ने इस किताब में गौतम गंभीर को लेकर काफी विवादित टिप्पणियां की हैं।
शाहिद अफरीदी ने अपनी किताब में लिखा है कि गौतम गंभीर जितना घमंडी क्रिकेटर पूरी दुनिया में नहीं मिलेगा। उन्होंने गंभीर को लेकर लिखा कि उसमें एटिट्यूड की काफी दिक्कत है। गौतम गंभीर का कोई व्यक्तित्व नहीं है। क्रिकेट में गंभीर जैसा करेक्टर शायद ही हो। उन्होंने आगे कहा कि गंभीर के नाम क्रिकेट में कोई बड़ा रिकॉर्ड नहीं है सिवाय उसमें ढेर सारे एटिट्यूड के अलावा। गौतम गंभीर अपने आप को डॉन ब्रेडमैन और जेम्स बॉन्ड जैसी काबिलियत रखने वाला समझता है।
इस ऑलराउडर खिलाड़ी ने अपनी ऑटोबायोग्राफी में लिखा कि उन्हें गौतम गंभीर और महान लेग स्पिनर शेन वॉर्न के खिलाफ खेलना बहुत पसंद था क्योंकि ये दोनों ही स्लेजिंग पर प्रतिक्रिया देते थे। अपनी किताब में अफरीदी ने गंभीर के बारे में लिखा, ‘कुछ प्रतिद्वंद्विता पर्सनल थी, कुछ प्रफेशनल। लेकिन गंभीर का अनूठा केस था। बहुत खराब गौतम। वह और उनकी एटीट्यूड की समस्या।’ शाहिद अफरीदी ने 2007 एशिया कप का केस भी याद किया और कहा कि जब वो सिंगल लेते समय मुझसे भिड़ गया था तब अंपायर ने हमको अलग किया था। उस समय हमारे बीच गाली-गलौज भी हुई थी।
गौतम गंभीर के रिकॉर्ड की बात करें तो उन्होंने भारत को दो विश्व कप दिलाने में अहम भूमिका निभाई है। गंभीर ने साल 2007 के खिताबी मुकाबले में पाकिस्तान के ही खिलाफ 75 रन बनाए थे, जिसमें भारत को जीत मिली थी। इसी तरह 2011 वर्ल्ड कप के फाइनल मुकाबले में उन्होंने 97 रन की पारी खेली थी। यहां भी टीम इंडिया ने यह खिताब अपने नाम किया था।