नयी दिल्ली। भाजपा के वरिष्ठ नेता एवं केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने सोमवार को कहा कि कोरोना वायरस के खिलाफ लड़ाई के दौरान कुछ लोग जानबूझकर धर्मनिरपेक्षता-साम्प्रदायिकता की बातें उठा रहे हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि सभी लोगों को ‘हम सब एक हैं और एकजुट भारत’ की भावना’’ के साथ सहयोग करना चाहिए।
सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने ‘पीटीआई भाषा’’ से बातचीत में कहा कि सरकार ‘सभी तरह की फर्जी खबरों’’ के खिलाफ है और अपने आलोचकों पर विशुद्ध रूप से गलत आक्षेप लगाने का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि जब उनका पर्दाफाश हो जाता है, तब भी वे माफी नहीं मांगते। उन्होंने स्वास्थ्य र्किमयों पर हमले की घटनाओं की आलोचना करते हुए कहा कि ऐसी घटनाओं को उस तरह से चर्चा नहीं होती है, जैसे होनी चाहिए।
जावडेकर ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी जाति, धर्म, पंथ का भेद नहीं करती है और ऐसे में हम सभी को मिलकर इससे लड़ना है। केंद्रीय मंत्री ने कहा, ‘‘ इसलिये हम सभी को उन लोगों से निपटने में सहयोग करना है जिन्हें जांच के लिये, पृथक वास में रहने या संक्रमित पाये जाने पर अस्पताल में भर्ती किया जाता है। सभी लोगों को ‘‘हम सब एक हैं और एकजुट भारत’’ की भावना के साथ सहयोग करना चाहिए।’’
तबलीगी जमात से जुड़े निजामुद्दीन मरकज के जरिये कोरोना वायरस फैलने को लेकर कुछ वर्गों के दावों एवं एक समुदाय को निशाना बनाये जाने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह से गलत बातें हैं और इस पर लगाम लगाये जाने की जरूरत है। जावडेकर ने कहा, ‘‘ भारत एकजुट है और हम सब एक हैं। कोई भी मरीज केवल मरीज ही होता है और इसलिये कोई भेदभाव नहीं होता है। सरकार किसी के साथ भेदभाव नहीं करती है। कोविड-19 के खिलाफ अभियान इस बात का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण है जहां कई मामलों में विरोध झेलते हुए भी स्वास्थ्यकर्मी घर- घर जाकर मरीजों का पता लगा रहे हैं।’’