प्रयागराज। 10 वर्ष या उससे कम प्रैक्टिस वाले हाईकोर्ट के जरूरतमंद वकीलों को एसोसिएशन से आर्थिक सहायता मिलेगी। बुधवार को हाई कोर्ट के जरूरतमंद वकीलों व मुंशियों की लॉकडाउन में आर्थिक सहायता की गाइड लाइन तय कर दी गई। इसके लिए सख्त नियम बनाए गए हैं ताकि कोई इसका गलत फायदा न उठा सके। मॉनिटरिंग कमेटी ने इसके लिए प्रोफार्मा तैयार किया है, जिसे हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की वेबसाइट से डाउनलोड किया जा सकता है।
आर्थिक मदद के लिए आवेदन 24 अप्रैल तक
दस वर्ष या उससे कम की प्रैक्टिस वाले जरूरतमंद वकील हाईकोर्ट बार एसोसिएशन की वेबसाइट से आवेदन पत्र डाउनलोड करके मदद के लिए आवेदन कर सकते हैं। पांच वर्ष या उससे कम वकालत वाले वकील अपने सीनियर के नाम, एडवोकेट रोल नंबर, मोबाइल नंबर के साथ आवेदन करेंगे । पांच वर्ष व उससे अधिक और 10 वर्ष से कम वकालत वाले अधिवक्ता उन तीन मुकदमों का भी विवरण देंगे, जो उन्होंने गत छह माह में किए हैं।इसके अलावा प्रोफार्मा अन्य कॉलम भरने होंगे। मॉनिटरिंग कमेटी ने तय किया है कि राज्य सरकार या किसी सरकारी व गैरसरकारी निकाय के पैनल में शामिल वकीलों को आर्थिक सहायता नहीं दी जाएगी। जिन वकीलों की पत्नी या पति सरकारी सेवा में हैं, वे भी मदद के हकदार नहीं होंगे। मदद लेने वाले वकील को यह भी बताना होगा कि वह आयकर दाता है या नहीं या उसने कभी हाईकोर्ट बार एसोसिएशन से चिकित्सकीय सहायता ली है या नहीं। प्रोफार्मा के साथ अपना एडवोकेट रोल नंबर के अलावा बार कौंसिल का रजिस्ट्रेशन नंबर, हाईकोर्ट बार सदस्यता संख्या, बैंक खाता विवरण आदि जरूरी जानकारियां भी देनी होंगी।
10 वर्ष से ज्यादा वालों की मदद पर भी होगा विचार
नवनिर्वाचित अध्यक्ष अमरेंद्र नाथ सिंह ने कहा कि बार के वेलफेयर फंड में अभी धनराशि कम है। इस मद में कमेटी के तीन सदस्यों ने 50-50हजार रुपये से शुरुआत की है। धन और आएगा तो 10 वर्ष से अधिक प्रैक्टिस वाले वकीलों को भी आर्थिक मदद देने पर विचार किया जाएगा।