लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने बुधवार को केन्द्र सरकार से अपील की कि जिस तरह कोटा से छात्रों को भेजने का प्रबंध किया। ठीक उसी तरह प्रवासी मजदूरों को भी उनके घरों तक भेजा जाए। मायावती ने ट्वीट किया, ‘कोरोना प्रकोप के कारण लगे देशव्यापी लॉकडाउन से सर्वाधिक महाराष्ट्र, दिल्ली, हरियाणा तथा अन्य और राज्यों में फंसे लाखों गरीब व मजदूर प्रवासी लोग बेरोजगारी व भुखमरी की मार झेल रहे हैं। उन्हें एक वक्त का भोजन भी सही से नहीं मिल रहा है तथा वे हर हाल में अपने घर वापस लौटना चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि ऐसे में केन्द्र सरकार से आग्रह है कि वह उनकी इस मांग पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करें तथा लॉकडाउन के नियमों का भी सही से पालन करते हुए उन्हें विशेष ट्रेनों व बसों आदि से उनके घरों तक भेजने की व्यवस्था कराये जैसा कि कोटा से छात्रों को भेजने हेतु किया गया है।
बता दें कोटा में लॉकडाउन के कारण फंसे उत्तर प्रदेश के 10 हजार छात्रों को लेकर यूपी रोडवेज की 300 और राजस्थान रोडवेज की 100 बसें 18 अप्रैल को झांसी और आगरा पहुंचीं। यहां इन बसों में सवार सभी छात्रों की सघन जांच की गई। जांच के बाद छात्रों को यूपी परिवहन निगम की बसों से उनके गृह जिलों को रवाना कर दिया गया। कोटा से अपने जिलों में पहुंचे छात्रों को प्रारंभिक जांच के बाद क्वारंटाइन किया गया है। छात्रों को लाने के लिए झांंसी डिपो से 100 और आगरा डिपो से 200 बसें भेजी गई थीं शनिवार सुबह से लेकर रात तक झांसी पहुंचने वाली लगभग 100 बसों में तकरीबन 3500 छात्र पहुंचे जिला प्रशासन ने शहर के तीन कॉलेजों में बसों को रुकवाकर छात्रों की स्क्रीनिंग के साथ उनके खानपान का प्रबंध किया। इसके लिए ये छात्र करीब छह घंटे यहां रुके जांच के बाद प्रदेश की रोडवेज बसें छात्रों के साथ पूर्वांचल के विभिन्न जिलों के लिए रवाना की गईं।
इसी तरह आगरा डिपो की 200 बसें छात्रों को लेकर आगरा पहुंचीं। वहां भी छात्रों की करीब 6 घण्टे तक स्क्रीनिंग हुई। उसके बाद रोडवेज की बसों से उन्हें देर रात पश्चिम, ब्रज, और अवध के जिलों के लिए रवाना कर दिया गया। वैसे ही प्रयागराज मंडल के भी 317 बच्चे 11 बसों से यहां पहुंचे। इन बच्चों को शुरुआती जांच के बाद शहर के विभिन्न गेस्ट हाउस में क्वारंटाइन किया गया है। कोटा में फंसे बांदा और चित्रकूट के बच्चों को लेकर रोडवेज की दो बसें शनिवार देर शाम बांदा पहुंचीं। पहली बस ने चित्रकूट के 35 बच्चों को घर पहुंचाया तो दूसरी बस बांदा के 21 बच्चों को लेकर आई