राजीव भवन स्थित सभागार में किसान दिवस का किसानों ने बहिष्कार कर दिया। आक्रोश था कि किसानों की समस्याओं को अफसर गंभीरता से नहीं ले रहे हैं।पूर्व निर्धारित किसान दिवस में डीएम हैं, न सीडीओ। बाजरा की खरीद के लिए केंद्र भी नहीं बनाए हैं। सभागार गेट के आगे बैठक किसानों ने धरना दिया। इस दौरान अधिकारी सभागार में बंधक बने रहे। बुधवार को राजीव भवन सभागार में किसान दिवस में भाग लेने के लिए भाकियू के जिलाध्यक्ष राजकुमार तोमर अन्य पदाधिकारियों सहित पहुंचे। उपकृषि निदेशक धुरेंद्र कुमार, जिला कृषि अधिकारी रामतेज यादव, सिंचाई, उद्यान व मंडी के अधिकारी भी पहुंच गए, लेकिन डीएम, सीडीओ, एडीएम में से कोई अधिकारी नहीं पहुंचा।किसानों ने मौजूद अफसरों से बाजरा की सरकारी खरीद 1950 रुपये कुंतल न होने, मंडी में आढ़ती द्वारा किसानों को नकद भुगतान देने पर दो प्रतिशत की कटौती करने, किसान सम्मान निधि की रकम खातों में न आने, कृषि यंत्रीकरण योजना में किसानों को लाभ न मिलने आदि सवाल उठाए तो कृषि अफसर गोल मोल जवाब देने लगे।इस पर किसान भड़क गए। हंगामा करते हुए बाहर निकल आए। किसानों ने सभागार के गेट को बाहर से बंद कर दिया और अंदर बैठे अफसरों के खिलाफ नारेबाजी करने लगे।अफसरों ने किसानों को मनाने की कोशिश की, लेकिन किसान नहीं माने। करीब डेढ़ घंटे तक चले इस विरोध प्रदर्शन के बाद अपराह्न 3.30 बजे किसानों ने आगे के लिए भी किसान दिवस का बहिष्कार का एलान करते हुए राजीव भवन परिसर छोड़ दिया।इस दौरान भाकियू के प्रदेश उपाध्यक्ष बुद्वा सिंह प्रधान, मंडल सचिव करुआ सिंह, मंडल कोषाध्यक्ष जगदीश परिहार, जिला महासचिव देवेंद्र रघुवंशी, प्रोफेसर नबाव सिंह, हाकिम सिंह, चेतन, सौनू सहित अन्य किसान मौजूद रहे।