लखनऊ। कोरोना वायरस महामारी की चैन को तोड़ने के लिए जहां एक और सरकार के मंत्री से लेकर तमाम जनप्रतिनिधि और सरकारी कर्मचारी मुख्यमंत्री राहत कोष में दान कर रहे हैं। तो वहीं राजधानी में दिव्यांग गायिका ने मुख्यमंत्री राहत कोष में अपनी मिलने वाली 10 माह के पेंशन को दान कर एक अनूठी मिसाल पेश की है। महज दो बरस में पोलियो से ग्रसित होने के बाद आंखों की रोशनी गवां चुकी गायिका शबीना ने कभी हार नहीं मानी। कोरोना काल में जहां देश भर में लोग एक दूसरे की मदद कर रहे हैं वहीं शबीना ने भी इस कठिन समय में जरूरतमंदों और सरकार की मदद करने की ठानी है। उन्होंने सीएम राहत कोष में अपनी पेंशन की 10 माह की राशि को दान कर मिसाल कायम की है।
सहादतगंज निवासी शबीना पेशे से गायिका हैं। उनको 500 रुपये प्रति माह सरकारी पेंशन दिव्यांग होने के नाते मिलती है। इस मुश्किल समय में उन्होंने पेंशन से 500 रुपये मुख्यमंत्री कोविड-19 केयर फंड में दान किए हैं। उन्होंने बताया कि साल 2018 में मेरे पिता नहीं रहे और जब मैं छोटी थी तो मेरे घर में इतने संसाधन और आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं थी कि मैं अच्छी तालीम ले पाती लेकिन मेरे पिता ने मुझे संस्कार एक शिक्षक के तौर पर दिए। मैंने अपने पिता से इंसानियत का पाठ पढ़ा यही कारण है कि मैं शिक्षित नहीं पर अपना फर्ज बखूबी समझती हूँ।
जब वह गाती हैं तो ऐसा लगता है मानो मां सरस्वती उनके कंठ में विराजमान हैं। सरल स्वभाव की शबीना को पिछले साल उपराष्ट्रपति ने विश्व दिव्यांग जन दिवस पर दिव्यांग सशक्त जन पुरस्कार से सम्मानित किया जा चुका है। राष्ट्रपति भवन में उन्हें डिनर पर भी आमंत्रित किया जा चुका है। लखनऊ और आगरा महोत्सव में वह अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर प्रशंसकों कि वाहवाही बटोर दिलों में छाप छोड़ने वाली शबीना ने पिछले दिनों कोरोना महामारी के प्रति जागरूक करने वाला एक गीत भी उन्होंने ख़ुद लिखा और गाया जो चर्चा में रहा।