लखनऊ। देश के 130 करोड़ लोग जब एक जुट होकर कोरोना वायरस को हराने के लिए अपने अपने धार्मिक रस्मो रिवाज को त्याग कर कोरोना से जंग लड़ रहे है तब ऐसे नाज़ुक हालात मे भी कुछ लोग हिन्दू मुसलमानो के बीच नफरत का ज़हर घोलने से बाज़ नही आ रहे है लेकिन देश मे आपसी भाई चारे को बढ़ावा देने वाले लोगो का प्रतिशत इन फिरका परस्त लोगो के मुकाबले बहोत ज़्यादा है जिसकी वजह से साम्प्रदायिक सौहार्द को बिगाड़ने की मंशा रखने वाले अपने ंसूबो मे कामयाब नही हो रहे है।
हिन्दू मुस्लिम एकता की ऐसी ही एक मिसाल आज लखनऊ मे देखने को मिली जिससे पूरे देश को अवगत कराना ज़रूरी है। कैसरबाग आफीसर्स कालोनी मे रहने वाले वरिष्ठ पत्रकार अब्दुल वहीद को उनके मित्र पत्रकार अजय वर्मा द्वारा गुरूवार की दोपहर बताया गया कि अमीनाबाद स्थित भूपेेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी के पास खाने के लिए राशन नही है अजय वर्मा द्वारा पत्रकार अब्दुल वहीद को जब ये चिन्ता मे डालने वाली खबर दी गई तो वो रोज़े से थे बावजूद इसके रोज़दार पत्रकार अब्दुल वहीद ने घर से बाहर निकल कर राशन खरीदा और मंदिर कैम्पस मे रहने वाली गाय के लिए अपने घर से कुछ रोटिया लेकर वो अजय वर्मा के साथ मंदिर पहुॅच गए।
रोज़दार पत्रकार अब्दुल वहीद ने मंदिर के पुजारी को भारी मात्रा मे राशन भेंट किया और अपने घर से लाई गई रोटियो को वहंा मौजूद भूखी गाय को खिलाया जबकि गाय को खाना खिला रहे अब्दुल वहीद खुद रोज़े से थे लेकिन उन्होने मानवता एकता अखण्डता को सर्वोपरि मान कर भी इन्सानियत का फर्ज निभा कर समाज को आपसी भाईचारे का बेहतरीन संदेश दिया । मंदिर के पुजारी ने रोज़दार पत्रकार अब्दुल वहीद से राशन पाकर उनका धन्यवाद किया और मंदिर मे माथा टेक कर ईश्वर से प्रार्थना की कि हे ईश्वर हमारे देश मे इसी तरह के लोगो की ज़्यादा ज़रूरत है जो ईन्सान को इन्सान समझे न कि हिन्दू मुसलमान समझे ।
इन्सानियत को सर्वोपरि मानने वाले वरिष्ठ पत्रकार अब्दुल वहीद का कहना है कि रोज़ा रखना अगर हमारा फर्ज तो ज़रूरतमंद की मदद करना भी हमारी ज़िम्मेदारी है उनका कहना है कि हमने अपना फर्ज और ज़िम्मेदारी दोनो निभाने की कोशिश की है अब अल्लाह कुबूल करे बस।