लखनऊ। उत्तर प्रदेश के विवादित विधायक अमनमणि त्रिपाठी की मुश्किलें बढ़ गई हैं। लॉकडाउन उल्लंघन के मामले में उनके खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत केस दर्ज किया गया है। देहरादून जिला प्रशासन ने यूपी के निर्दलीय विधायक त्रिपाठी सहित 12 लोगों को बदरीनाथ और केदारनाथ जाने के लिए पास जारी किया था। लेकिन इन्हें चमोली जिले के बॉर्डर से बदरीनाथ के कपाट न खुलने का हवाला देते हुए वापस लौटा दिया गया था।
दरअसल, उत्तराखंड पुलिस से बदसलूकी करना यूपी के विधायक अमनमणि त्रिपाठी को महंगा पड़ गया। पुलिस ने विधायक सहित 12 लोगों को हिरासत में ले लिया। इन पर आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है। जानकारी मिली है कि बदरीनाथ धाम के कपाट खुले न होने के चलते अमनमणि त्रिपाठी सहित 12 लोग चमोली के कर्णप्रयाग पहुंच गये थे। इसपर कर्णप्रयाग पुलिस ने इनको रोका तो विधायक ने अपने रुतबे को दिखाकर पुलिस से ही बदतमीजी कर दी। यूपी के बाहुबली विधायक अमनमणि त्रिपाठी समेत 12 लोगों को कर्णप्रयाग में कोरोना ड्यूटी में लगे अफसरों से बदसलूकी करने के बाद टिहरी पुलिस ने वापसी आते वक्त मुनिकीरेती में यह कार्रवाई की है।
टिहरी पुलिस ने विधायक अमनमणि त्रिपाठी के काफिले को व्यासी थाना इलाके में रोक कर हिरासत में लिया। पुलिस ने अनुमति के विपरीत 12 लोगों पर आपदा एवं संक्रमण अधिनियम का उल्लंघन करने और सरकारी कार्य में व्यवधान उत्पन करने के चलते मुकदमा दर्ज किया। पुलिस का कहना है कि एमएलए त्रिपाठी ने जो लेटर दिखाया, उसमें उन्होंने यूपी के सीएम आदित्यनाथ के पिता के श्राद्ध कर्म के लिए वहां जाने की बात कही थी। पुलिस का कहना है कि ये सारे लोग रविवार को तीन कार में सवार होकर बदरीनाथ जा रहे थे. इस दौरान चमोली जिले की सीमा पर चेकिंग के दौरान इन सभी को वापस भेजा गया।
एसपी यशवन्त सिंह चौहान ने बताया कि एमएलए अमनमणि त्रिपाठी को चमोली जिले में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी गई। जिसका कारण अब तक बदरीनाथ का कपाट खुलना नहीं बताया जा रहा है। उन्होंने यह भी जानकारी दी कि इनके पास उत्तराखंड प्रदेश के अपर मुख्य सचिव की जारी अनुमति पत्र उपलब्ध है। बता दें कि अमनमणि त्रिपाठी महाराजगंज जिले की नौतनवा से विधायक हैं। वे अमरमणि त्रिपाठी के बेटे हैं। जानकारी मिल रही है कि तय मानकों को पास जारी करने के दौरान ताक पर रखा गया है।
दरअसल, लॉकडाउन के दौरान ऑरेंज जोन से ग्रीन जोन में जाने को पास जारी करने के लिए सख्त मानक तय हैं। इसके बावजूद देहरादून जिला प्रशासन ने त्रिपाठी सहित अन्य लोगों को बदरीनाथ और केदारनाथ धाम जाने के लिए मंजूरी दी. इस दौरान गृह मंत्रालय के गाइडलाइन को भी ध्यान में नहीं रखा गया। बता दें कि गाइडलाइन के तहत एक साथ पांच से अधिक लोगों की आवाजाही प्रतिबंधित है।