लखनऊ। प्रदेश में कोरोना वायरस के संक्रमण की रोकथाम हेतु मुख्यमंत्री ने अपने आवास पर की समीक्षा बैठक -बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा राज्य सरकार ने पहले ही घोषणा कर रखी है कि सेना व अर्धसैनिक बलों के शहीद की पत्नी एवं आश्रितों को राज्य सरकार की तरफ से 50 लाख रूपए की आर्थिक सहायता के साथ ही परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी और गांव की सड़क का नामकरण शहीद के नाम पर किया जाएगा | सभी शहीदों को पुनः नमन, हमें एवं पूरे देश को आप पर गर्व है ।
अपने सरकारी आवास, लखनऊ पर आहूत एक उच्च स्तरीय बैठक में लाॅकडाउन व्यवस्था की समीक्षा करते हुए कहा कि एम्बुलेंस के ड्राइवर सहित उनमें तैनात अन्य कर्मियों को ग्लव्स और मास्क अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने कहा कि नाॅन-कोविड अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाओं के संचालन के लिए डाॅक्टरों सहित पूरी मेडिकल टीम को संक्रमण से बचाव का प्रशिक्षण दिया जाए। इन्हें प्रोटेक्शन इक्विपमेंट अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराए जाएं। उन्होंने कहा कि अस्पतालों में मेडिकल इंफेक्शन से बचाव संबंधी प्रोटोकाॅल का पालन कराया जाए। साथ ही, यह सुनिश्चित किया जाए कि पी.पी.ई. किट्स, एन-95 मास्क तथा सैनिटाइजर पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहें।
मुख्यमंत्री ने रोजगार की सम्भावनाओं को चिन्हित करने के लिए अध्ययन कराने के निर्देश देते हुए कहा है कि एम.एस.एम.ई. सेक्टर की इकाइयां प्रदेश के औद्योगिक विकास की रीढ़ हैं। इनकी हर संभव सहायता की जाए। उन्होंने कहा कि उद्यमों को पूरी सतर्कता और सावधानी बरतते हुए संचालित कराया जाए। इसी के साथ, उन्होंने राजस्व वृद्धि से जुड़े प्रकरणों में तेजी से निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि टेलीफोन के माध्यम से लोगों को चिकित्सा परामर्श उपलब्ध कराने के लिए टेलीमेडिसिन व्यवस्था को सुदृढ़ करने के साथ ही, ‘ई-हाॅस्पिटल’ को भी बढ़ावा दिया जा रहा है। उन्होंने ई-हाॅस्पिटल तथा टेलीमेडिसिन सेवाओं के प्रभावी संचालन के निर्देश दिए हैं। COVID-19 से लड़ने के लिए स्वास्थ्य सिस्टम तथा समाज, दोनों को निरन्तर सजग व तैयार रहना होगा। लोगों को जागरूक करने व प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि के उपायों की जानकारी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से भारत सरकार द्वारा ‘आरोग्य सेतु’ एप लाॅन्च किया गया है | इसी क्रम में प्रदेश सरकार द्वारा ‘आयुष कवच कोविड’ एप लाॅन्च किया गया है। इस एप में रोग प्रतिरोधक क्षमता वृद्धि के उपाय बताए गए हैं। आयुर्वेद तथा योग को अपनाकर बीमारी से बचाव के नुस्खे दिए गए हैं। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति ‘आरोग्य सेतु’ तथा ‘आयुष कवच कोविड’ मोबाइल एप डाउनलोड कर अपने को सुरक्षित रखे तथा इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि न्यायालय परिसरों को सैनिटाइज करते हुए वहां सुरक्षा के साथ ही इंफ्रारेड थर्मामीटर, थर्मल स्कैनर तथा सैनिटाइजर की व्यवस्था की जाए। उन्होंने कहा कि ऑरेंज तथा ग्रीन जोन में स्टेशनरी की दुकानों को खोलने की अनुमति दी जाए। मण्डियों में संक्रमण रोकने के लिए सोशल डिस्टेंसिंग का कड़ाई से पालन कराते हुए मास्क और ग्लव्स का प्रयोग अनिवार्य किया जाए। हाॅटस्पाॅट क्षेत्रों में सैनिटाइजेशन कार्य को सघन बनाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि क्वारंटीन सेन्टर, शेल्टर होम तथा कम्युनिटी किचन व्यवस्था को और सुदृढ़ किया जाए। ग्रामीण इलाकों में स्थापित क्वारंटीन सेन्टर को क्रियाशील रखा जाए। उन्होंने कहा कि नगर विकास, ग्राम्य विकास एवं पंचायती राज विभागों द्वारा समन्वित प्रयास कर विशेष स्वच्छता अभियान चलाया जाए। संचारी रोगों पर प्रभावी नियंत्रण के लिए इस प्रकार के अभियान का संचालन आवश्यक है। प्रवासी कामगारों और श्रमिकों को दुग्ध समितियों से जोड़ते हुए उन्हें आर्थिक रूप से स्वावलम्बी बनाया जा सकता है। इसलिए प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में दुग्ध समितियों के गठन के गंभीरता से प्रयास किए जाएं।उन्होंने कहा कि इनके माध्यम से ग्रामीण इलाकों में बड़ी संख्या में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जा सकते हैं।
मुख्यमंत्री ने बेसिक शिक्षा के 69,000 शिक्षकों की भर्ती के मामले में मा. उच्च न्यायालय के निर्णय का स्वागत किया है। उन्होंने सभी सफल अभ्यर्थियों को आने वाले समय में प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था में योगदान देने हेतु अपनी शुभकामनाएं देते हुए उनका अभिनन्दन किया है।