दिल्ली । आईआईटी की दो शोध छात्राओं ने ऐसी डिवाइस तैयार की है, जिसके जरिए एक साथ प्रदूषण के नौ कारकों पर नजर रखी जा सकेगी। डिवाइस के जरिए एक साथ हानिकारक गैसों, पार्टिकुलेट मैटर (PM), तापमान और आर्द्रता की जानकारी पाई जा सकेगी। 5G तकनीकी से लैस होने के कारण इन आंकड़ों को रियल टाइम में लोगों तक पहुंचाया जा सकेगा।इस डिवाइस की विशेषता यह भी है कि यह सौर ऊर्जा से चलेगी और किसी भी जगह पर एक बार लगा देने के बाद लगभग पांच साल तक काम करती रहेगी। इस दौरान डिवाइस की बैटरी को चार्ज करने की जरुरत नहीं पड़ेगी। इस डिवाइस को ‘5G इनेबल्ड एयर पॉल्यूशन मॉनिटरिंग टेस्ट बेड’ का नाम दिया गया है।
शोध छात्राओं पायली दास और सुष्मिता घोष ने बताया कि अभी जिन प्रदूषक मापक यंत्रों का प्रयोग किया जा रहा है, वे बहुत महंगे हैं और उनकी भी कुछ तकनीकी सीमाएं हैं, जबकि यह डिवाइस इंटरनेट की पांचवीं पीढ़ी और NBIoT तकनीकी के लिए सक्षम बनाई गई है। जिसके चलते इसके आंकड़े ज्यादा तेजी से लोगों तक पहुंचाए जा सकते हैं। इसके अलावा यह बेहद छोटी डिवाइस है और इसे कहीं भी लगाया जा सकता है। एक डिवाइस को बनाने में इस समय लगभग 60 हजार रुपये लागत आ रही है। इसे और कम करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
पांच साल लगातार काम करेगी
सामान्य प्रदूषण मापक यंत्र बिजली या बैटरी से चलने वाले होते हैं, जिन्हें लगातार बिजली सप्लाई या चार्जिंग की जरुरत होती है, जबकि उनकी डिवाइस सोलर एनर्जी से संचालित है। किसी जगह पर एक बार लगा देने के बाद यह पांच साल तक लगातार काम करती रहेगी। पांच सालों के बाद इसमें कुछ सफाई की आवश्यकता पड़ेगी। इस सफाई के बाद यह फिर लगातार काम करने में सक्षम होगा।डिवाइस में चार सेंसर लगाए गए हैं। ये सेंसर इनको लगाने वाली जगह के आसपास नाइट्रोजन डाई ऑक्साइड, सल्फर डाई ऑक्साइड, कार्बन मोनो ऑक्साइड और ओजोन गैस की मात्रा का स्तर बताएंगे। इसके अलावा इस डिवाइस के जरिए PM 2.5, PM 10 और PM 1 की मात्रा की जानकारी भी मिल सकेगी। साथ ही ये उस जगह का तापमान और आर्द्रता का स्तर भी बता सकेंगे।