मेयर ने नगर आयुक्त को पत्र लिखकर मामले की जांच का निर्देश दिया
लखनऊ। कोरोना महामारी के बीच राजधानी लखनऊ में राहत कार्यों की आंड़ में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है। यह भ्रष्टाचार नगर निगम में चल रहा है। जिसका खुलासा खुद महापौर संयुक्ता भाटिया ने किया है। इस संबंध में महापौर ने नगर आयुक्त डाॅ. इन्द्रमणि त्रिपाठी को एक पत्र भी लिखा है। जिसके बाद से नगर निगम व में हड़कंप है। महापौर ने अपने पत्र में आरोप लगाया है कि राजधानी के कोरोना हाॅट स्पाट इलाकों में सैनिटाइजेशन के नाम पर भ्रष्टाचार कर लाखों रुपए हजम किए जा रहे हैं।
कोरोना प्रभावित इलाकों में लोगों को नगर निगम की तरफ से सैनिटाइजर वितरित किया जाता है। 50-50 एमएल सैनिटाइजर वितरित करने के लिए 10 हजार खाली शीशियां खरीदी गई हैं। जिनकी बाजार कीमत 2 रुपए प्रति शीशी पड.ती है। लेकिन नगर निगम के अधिकारियों व कर्मचारियों ने 2 रुपए की यह शीशी 10 रुपए में खरीदी है। जिससे साफ जाहिर है कि शीशी खरीद में अनियमितता बरती गई है।
महापौर ने पत्र में कहा है कि संकट की घड़ी में नगर निगम में इस तरह की अनियमितता दुखद व चिंताजनक है। लखनऊ नगर निगम लाॅकडाउन के बाद से ही गरीबों व जरूरतमंदों को अपने स्तर से राशन व भोजन सहित अन्य जरूरतें पूरी कर रही है। लेकिन कुछ अधिकारी व कर्मचारी मेहनत पर पानी फेरने में लगे हुए हैं। महापौर ने कहा है कि सैनिटाइजर के अलावा मास्क व अन्य उपकरणों की खरीद में भी भ्रष्टाचार की शिकायतें मिल रहीं हैं। ऐसी खबरों व कार्यों से नगर निगम की छवि धूमिल हो रही है।
दोषियों के खिलाफ करें सख्त कार्रवाई
महापौर ने नगर आयुक्त से अपील की है कि इस मामले की जांच कराएं। साथ 24 घण्टे के अंदर उन्हें पूरी जानकारी व उपकरणों की खरीद प्रक्रिया की जानकारी दें। महापौर ने नगर आयुक्त को जांच में दोषी पाए गए अधिकारियों व कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई का निर्देश दिया है।
नगर आयुक्त ने आरोपों को बताया बेबुनियाद
वहीं दूसरी ओर महापौर के इन आरोपों को नगर आयुक्त से सिरे से नकार दिया है। नगर आयुक्त इन्द्रमणि त्रिपाठी ने भ्रष्टाचार के आरोपों को बेबुनियाद बताया है। नगर आयुक्त ने कहा है कि कोविड-19 को लेकर नगर निगम की ओर से जारी राहत व बचाव कार्यों के लिए अभी तक कोई खरीद नहीं की गयी है। राशन व भोजन आदि का वितरण दान में प्राप्त सामग्री से ही हो रहा है। सैनिटाइजर भी नगर निगम को सीएसआईआर से फ्री में प्राप्त हुआ है। जिसका वितरण व छिड़काव किया जा रहा है।
नगर आयुक्त ने कहा है कि बिना किसी आधार के ऐसे आरोप लगाना दुःखद है। कोविड-19 संकट के समय मेयर का पत्र नगर निगम कर्मचारियों का मनोबल भी तोड़ सकता है। नगर आयुक्त ने कहा है कि महापौर के पत्र का जवाब पत्र से ही दिया जाएगा। इस संबंध में पूरी जानकारी के साथ शासन को एक पत्र भेजा जाएगा।