वाशिंगटन। कोरोना वायरस (Coronavirus) संकट के बीच बड़े पैमाने पर नौकरियां जाने की आशंका जताई जा रही है। इसे देखते हुए ट्रंप सरकार H-1B जैसे कुछ वर्क वीजा पर अस्थायी रोक लगाने की दिशा में काम कर रही है।
यह वीजा भारतीय आईटी पेशवरों के बीच खासा लोकप्रिय है। इसके साथ-साथ स्टूडेंट वीजा और काम करने की अनुमति (work authorisation) पर भी अस्थायी रूप से रोक लगाने की तैयारी चल रही है। एक मीडिया रपट में शुक्रवार को यह बात कही गई।
H-1B वीजा एक गैर प्रवासी वीजा है, जो अमेरिकी कंपनियों को विदेशी पेशेवरों को कुछ खास व्यवसायों में नियोजित करने की अनुमति देता है। भारतीय आईटी पेशेवरों के बीच इसकी काफी अधिक मांग है। अमेरिका में इस वीजा पर करीब 5,00,000 प्रवासी लोग काम कर रहे हैं।
अमेरिकी अखबार वॉलस्ट्रीट जर्नल ने शुक्रवार को अपनी खबर में कहा, “राष्ट्रपति ट्रंप के आव्रजन मामलों के सलाहकार इस महीने आने वाले कार्यकारी आदेश के लिए योजना तैयार कर रहे हैं।
इस आदेश के तहत, नए अस्थायी, कार्य-आधारित वीजा जारी करने पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है।” इसमें कहा गया है कि “यह आदेश तकनीकी रूप से दक्ष लोगों को दिए जाने वाले एच-1बी वीजा, H-2B (कुछ खास समय के लिए काम करने के लिए दिये जाने वाले वीजा) के साथ-साथ स्टूडेंट वीजा और इन वीजा के साथ मिलने वाले कार्य अनुमति पर केंद्रित हो सकता है।”
कोरोनावायरस महामारी की वजह से पिछले दो महीने में 3.3 करोड़ से ज्यादा अमेरिकियों की नौकरी चली गई है। कोरोना की वजह से अमेरिका में आर्थिक गतिविधियां ठप पड़ गई हैं. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) और वर्ल्ड बैंक ने अमेरिका की वृद्धि दर नकारात्मक यानी शून्य से नीचे रहने का अनुमान जताया है।
वहीं, रिपब्लिकन पार्टी के शीर्ष सांसदों ने अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से एच-1बी वीजा समेत संविदा पर काम करने वाले कामगारों को दिए जाने वाले अस्थायी वीजा (गेस्ट वर्कर) को बेरोजगारी दर सामान्य होने तक निलंबित करने का अनुरोध किया है।
अमेरिका में कोरोना वायरस वैश्विक महामारी को फैलने से रोकने के लिए लागू किए गए लॉकडाउन के कारण बेरोजगारी दर रिकॉर्ड उच्च स्तर पर है।