देहरादून। बद्रीनाथ धाम के कपाट 15 मई को सुबह 4.30 बजे खुलेंगे। इस दौरान मुख्य पुजारी (रावल) समेत सिर्फ 27 लोग मौजूद रहेंगे। इनमें पुजारी और देवस्थान बोर्ड के अधिकारी शामिल होंगे। श्रद्दालुओं को मौजूद रहने की इजाजत नहीं होगी। जोशीमठ के सब-डिविजनल मजिस्ट्रेट अनिल चन्याल ने यह जानकारी दी है। मुख्य पुजारी ईश्वरी प्रसाद नंबूदरी का कोरोना टेस्ट दो बार निगेटिव आ चुका है। वे दो हफ्ते का क्वारैंटाइन पूरा कर चुके हैं। केरल से लौटने की वजह से उन्हें क्वारैंटाइन किया गया था।
बद्रीनाथ धाम में भगवान के पांच स्वरूपों की पूजा की जाती है। विष्णुजी के इन पंच स्वरूपों को पंच बद्री कहा जाता है। बद्रीनाथ के मुख्य मंदिर के अलावा अन्य चार स्वरूपों के मंदिर भी यहीं हैं। श्री विशाल बद्री पंच स्वरूपों में मुख्य हैं। आदिगुरु शंकराचार्य द्वारा तय की गई व्यवस्था के मुताबिक बद्रीनाथ मंदिर का मुख्य पुजारी दक्षिण भारत के केरल राज्य से होता है। मंदिर हर साल अप्रैल-मई से अक्टूबर-नवंबर तक दर्शनों के लिए खुला रहता है।