कुलपति ने बताया, पिछले दो दिनों में दो गर्भवती व ढाई वर्ष के बच्चे समेत 10 को मिली छुट्टी
लखनऊ। केजीएमयू के कुलपति प्रो. एमएनबी भट्ट ने अब तक संस्थान में भर्ती किए गए कोरोना के 80 प्रतिशत मरीजों के सफल इलाज का दावा किया है। मंगलवार को एक वीडियो जारी कर कुलपति ने कहा, अब तक संस्थान में भर्ती किए गए कोरोना के 37 में से 29 मरीज स्वस्थ होकर डिस्चार्ज किए जा चुके हैं। विगत दो दिनों सोमवार व मंगलवार को कोरोना संक्रमण से भर्ती 10 मरीजों को केजीएमयू से स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज किया गया है। इसमें दो गर्भवती महिलाएं समेत ढाई वर्ष का एक बच्चा भी शामिल हैं।
केजीएमयू कुलपति प्रो. एमएलबी भट्ट ने बताया कि विगत दो दिनों तक संस्थान एवं कोरोना संक्रमित मरीजों के लिए बेहतर उपलब्धि मिली है। 10 डिस्चार्ज मरीजों में विदेशी नागरिक, उच्च रक्तचाप, डायबिटिक रोगी एवं हद्य रोगों सेे पीडि.त मरीजों के साथ ही 6 माह की गर्भवती एवं ढाई वर्ष का बच्चे भी शामिल हैं। वर्तमान में 5 कोरोना संक्रमित मरीज केजीएमयू के कोरोना वार्ड में भर्ती हैं।
छह डिस्चार्ज मरीजों में चार पुरूष मरीज एवं दो महिलाएं शामिल हैं। इससे पूर्व सोमवार को दो पुरूष तथा 2 गर्भवती महिलाओं को छुट्टी दी गई। सोमवार देर शाम डिस्चार्ज 30 वर्षीय रउदाला पुराना बाजार की कोरोना संक्रमित गर्भवती महिला मरीज थी। जिन्हें पहले राजेन्द्र नगर के निजी अस्पताल में भर्ती किया गया था। उन्हें वहां से पेट दर्द की समस्या बताकर केजीएमयू भेजा गया था।
उन्होंने बताया कि इस महिला मरीज में बुखार, कफ और सांस की समस्या के साथ ही पूर्व से ही थायराइड की समस्या भी थी। हांलाकि यह महिला मरीज किसी भी कोरोना संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में नहीं आई थीं। उसे यहां कोविड-19 आईसोलेशन वार्ड में भर्ती प्रसूति संबंधी जानकारी ली गई। मरीजों की पिछले 24 घंटे में दो बार थ्रोट स्वैप की जांच निगेटिव आने पर डिस्चार्ज कर दिया गया।
डिस्चार्ज मरीजों का 14 दिन बाद दोबारा हो रही जांच
केजीएमयू कुलपति ने कहा कि दूसरी कोरोना संक्रमित 30 वर्षीय हजरतगंज की 06 माह की गर्भवती महिला मरीज को 10 मई को केजीएमयू में भर्ती किया गया। पिछले पांच दिन से कफ और बुखार की समस्या थी तथा कोविड-19 की जांच में निगेटिव पाई गई थी। हालांकि बीमारी के कोई लक्षण नहीं मिलने पर उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया। इस महिला की भी 24 घंटे में दो बार थ्रोट स्वैैप की जांच निगेटिव आने पर डिस्चार्ज कर दिया गया। कोरोना वार्ड में तैनात डॉ. पवन ने बताया कि डिस्चार्ज किए सभी मरीजों को 14 दिनों के लिए होम क्वॉरेंटाइन किया गया है और 14 दिनों बाद उनका पुन: जांच किया जाएगा।