लखनऊ। कोरोना योद्धाओं को उत्तर प्रदेश सरकार ने एक बड़ा कानूनी हथियार प्रदान किया है। योगी सरकार ने इस कानून को राजभवन से हरी झण्डी मिलने के बाद तत्काल प्रभाव से लागू भी कर दिया है। इस कानून के तहत अब कोरोना के खिलाफ चल रही लड़ाई में अपना योगदान दे रहे किसी भी डाॅक्टर, पुलिसकर्मी, स्वास्थ्यकर्मी या अन्य कर्मचारी के साथ मारपीट करने, अभद्रता करने या किसी तरह की क्षति पहुँचाने पर दोषियों को सात साल तक की जेल हो सकती है। इसके साथ सरकार ने दोषियों को सबक सिखाने के लिए भारी जुर्माने का भी प्रावधान किया है। जिसके तहत इस कानून के तहत दोषी पाए जाने वालों पर 5 लाख रुपए तक का जुर्माना भी लगाया जा सकता है।
इस कानून के तहत क्वारंटाइन का उल्लंघन करने पर 3 साल की सजा व 10 हजार से 1 लाख रुपए तक जुर्माना लगाया जा सकता है। अस्पताल से भागने पर 1 से 3 वर्ष की सजा व 1 लाख तक जुर्माना लगाया जा सकता है। जबकि कोरोना महामारी छुपाने वालों के लिए भी जेल व जुर्माने का प्रावधान किया गया है।
डाक्टरों, पुलिसकर्मियों के साथ हो रही थी मारपीट
बता दें कि कोरोना नियंत्रण की राह में समुदाय विशेष के लोग लगातार अड़चने पैदा कर रहे थे। उत्तर प्रदेश के विभिन्न शहरों सहित देश भर में डाक्टरों, स्वास्थ्यकर्मियों व पुलिसकर्मियों के साथ मारपीट की खबरें आ रही थीं
कुछ लोग कोरोना जांच का विरोध कर रहे थे। जिसके बाद उत्तर प्रदेश सरकार की कैबिनेट ने 6 मई 2020 को लोक स्वास्थ्य एवं महामारी अध्यादेश का प्रस्ताव पास किया था। इस अध्यादेश को मंजूरी के लिए राज्यपाल आनंदी बेन पटेल के पास भेजा गया था। बीते सोमवार को राजभवन ने इस अध्यादेश को मंजूरी दे दी। जिसके तुरंत बाद यह कानून प्रदेश में लागू हो गया।