डेस्क। ईंधन, ऊर्जा और खाने-पीने की चीजों की कीमतों में कमी की वजह से अप्रैल में थोक महंगाई दर 0.79 फीसदी रही, जबकि मार्च में 3.72 फीसदी थी। सरकार ने थोक मुद्रास्फीति के आंकडे जारी करते हुए बताया कि कोरोना महामारी के कारण लागू लॉकडाऊन की वजह से आंकड़ों का पूरी तरह से संग्रहण नहीं हो पाया है।
फ्यूल और पावर बास्केट में अप्रैल में 10.12 पर्सेंट की कमी आई। थोक मूल्यों पर आधारित खाद्य मुद्रास्फीति की दर 3.60 प्रतिशत दर्ज की गई है। अप्रैल 2019 में थोक खाद्य महंगाई दर 5.49 प्रतिशत रही थी।
सरकार ने थोक मुद्रास्फीति के आंकडे जारी करते हुए बताया कि कोरोना महामारी के कारण लागू लॉकडाऊन की वजह से आंकड़ों का पूरी तरह से संग्रहण नहीं हो पाया है। मंडियां पूरी तरह से बंद हैं। इनके खुलने के बाद अंतिम आंकडे संशोधित होंगे। अभी तक सीमित आंकड़े ही जुटाए जा सके हैं। मुद्रास्फीति की दर के लिए प्रति सप्ताह जुटाए जाते हैं। मार्च के तीसरे सप्ताह से यह काम बंद है। कायार्लयों में कर्मचारियों की कमी है जिसके कारण उपलब्ध आंकडों का विश्लेषण नहीं हो सका है।
सीमित आंकड़ों के अनुसार अप्रैल 2020 में प्राथमिक वस्तुओं की थोक मुद्रास्फीति दर 0.79 प्रतिशत रही है। इसी तरह ईंधन और ऊर्जा की कीमतों में 10.20 प्रतिशत की कमी आई है। आंकड़ों में कहा गया है कि आलोच्य माह में मोटे अनाज की थोक कीमतों में 2.74 प्रतिशत ,धान 1.40 प्रतिशत, गेहूं 7.26 प्रतिशत, दाल 12.31 प्रतिशत, साग सब्जी 2.22 प्रतिशत, आलू 69.40 प्रतिशत, प्याज 73.52 प्रतिशत और अंडा, मांस, मछली 5.87 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। फलों में कीमतों में 1.69 प्रतिशत की गिरावट आई है।