लखनऊ। प्रवासी मजदूरों की घर वापसी को लेकर इलाहाबाद हाई कोर्ट ने अहम निर्णय दिया है। देश भर के विभिन्न शहरों व महानगरों से यूपी की ओर आ रहे इन श्रमिकों की समुचित व्यवस्था व भीड़ को नियंत्रित करने के लिए हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को निर्देश दिया है। हाईकोर्ट ने सरकार को हर 400 प्रवासी श्रमिकों पर एक अधिकारी नियुक्त करने का निर्देश दिया है। यही अधिकारी इन श्रमिकों की पूरी माॅनीटरिंग करेगा। ताकि प्रदेश के शहरों व गांवों में इन श्रमिकों की भीड़ को प्रभावी तरीके से काबू किया जा सके। साथ ही अन्य स्वस्थ्य लोगों को महामारी से संक्रमित होने से बचाया जा सके।
वकील गौरव गौर ने दाखिल की एक याचिका पर सुनवाई करते हुए चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा की डिवीजन बेंच ने यह आदेश जारी किया है। गोविंद माथुर ने कवारन्टीन सेंटर्स और अस्पतालों की बदहाली को लेकर एक याचिका दाखिल की है। जिस कोर्ट ने शुक्रवार को सुनवाई की। कोर्ट ने कहा कि बड़ी संख्या में गांवों में पहुंच रहे प्रवासी श्रमिकों को संभालना एक चुनौती है। इनमें से कई संक्रमित भी हो सकते हैं। इसलिए इनकी निगरानी के लिए 400 श्रमिकों पर एक अधिकारी को नियुक्त किया जाए। हाई कोर्ट ने इस मामले पर 18 मई को फिर सुनवाई करने को कहा है।