भारी मात्रा में चोरी का माल बरामद
लखनऊ। लाॅकडाउन के बीच राजधानी पुलिस को बड़ी कामयाबी मिली है। शुक्रवार को लखनऊ के इंदिरानगर थाना पुलिस ने शातिर चोरों के एक गिरोह का भंडाफोड़ किया है। राजधानी में हुई चोरियों में इस गिरोह का हाथ है। पुलिस ने गिरोह के पांच सदस्यों को गिरफ्तार कर उनके पास से भारी मात्रा में चोरी का माल बरामद किया है।
एसीपी अमित रॉय, जेसीपी अपराध
नीलाब्जा चौधरी व डीसीपी शामिली ने प्रेस कान्फे्रंस कर इस गिरोह के बारे में मीडियाकर्मियों को जानकारी दी। एसीपी अमित रॉय ने बताया कि डीसीपी नार्थ व उनकी टीम ने चोरों के इस गिरोह को गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है। यह बहुत ही महत्वपूर्ण उपलब्धि है। क्योंकि चोरी व नकबजनी की छोटी-मोटी घटनाओं पर पुलिस ज्यादा ध्यान नहीं दे पाती है। इंदिरानगर पुलिस की इस कामयाबी से शहर में चोरी की घटनाओं में कमी आएगी।
पूरे आॅपरेशन की जानकारी देते हुए डीसीपी नार्थ शालिनी ने बताया कि यह गिरोह काफी समय से राजधानी में सक्रिय था। गिरोह के सदस्य पहले बंद मकानों की कई दिनों तक रेकी करते थे। इसके बाद वहां धावा बोलकर माल बटोर ले जाते थे। चोरी के लिए गिरोह के सदस्य चोरी की हुई एक कार ही इस्तेमाल करते थे। जो बरामद की गयी है। वारदात को अंजाम देने के वक्त सभी सदस्य मास्क आदि लगाते थे, ताकि यह कैमरा या किसी व्यक्ति द्वारा पहचाने न जा सकें।
इस गिरोह के सदस्य मोबाइल फोन का बहुत कम प्रयोग करते हैं। ताकि सर्विलांस की पकड़ में न आ सकें। डीसीपी ने बताया कि वर्ष 2019 में इसी गिरोह ने पुलिस विभाग के रिटायर्ड सीओ पीटर विजय कुमार की अमेज कार चोरी कर ली थी। चोरी की हुई इसी कार से यह गिरोह लगातार चोरियों की घटनाओं को अंजाम दे रहा था।
डीसीपी ने बताया कि इस गिरोह के पास से दो कार, चोरी की रिवाल्वर, नकदी, जेवरात, गैस सिलेंडर, एलसीडी सहित तमाम घरेलू सामान बरामद हुआ है।
बाराबंकी का मीट कारोबारी भी गिरोह से जुड़ा है
डीसीपी ने बताया कि बाराबंकी सफेदाबाद निवासी मीट व्यवसाई कुरैशी भी इस गिरोह से जुड़ा हुआ है। कुरैशी चोरी का माल छिपाने, बिकवाने में इनकी मदद करता था। मीट व्यवसायी और चोरों के बीच हुई बात-चीत का रिकार्ड भी है। जल्द ही उसे भी हिरासत में लिया जाएगा।
एक सदस्य के खिलाफ दर्ज हैं दजनों मुकदमे
डीसीपी ने बताया कि गिरोह के कई सदस्यों के खिलाफ दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं। गिरोह के एक सदस्य हनी निषाद के खिलाफ चोरी के 31 मुकदमे दर्ज हैं। आशीष के खिलाफ 23 मुकदमे दर्ज हैं। इसके अलावा लाॅकडाउन के दौरान हुई 10 चोरियों में भी इसी सदस्य का हाथ है। इन मामलों में भी मुकदमा दर्ज है। गिरोह के बारे में अन्य जानकारी जुटाई जा रही है।