लखनऊ। कोरोना के खिलाफ जंग में देश कई हफ्तों से लॉकडाउन है। इसका सबसे बुरा असर गरीब मजदूरों और कामगारों पर पड़ रहा है। देश के लाखों कामगारों, मजदूरों ने काम के अभाव में अपने घरों की वापसी शुरू कर दी है। सरकारों द्वारा इनके लिए ट्रेनों, बसों आदि का संचालन किया है लेकिन संख्या इतनी ज्यादा है कि ये सारी व्यवस्थाएं नाकाफी साबित हो रही हैं. नतीजा ये है कि देश की तमाम सड़कों पर पैदल ही हजारों कामगार परिवार के साथ सैकड़ों किलोमीटर की यात्रा पर निकल चुके हैं।
इस दौरान भूख बदहाली से जूझते ये लोग सड़क दुर्घटनाओं का भी शिकार हो रहे हैं। कुछ ऐसे ही दम तोड़ दे रहे हैं। इन्हीं घटनाओ्ं को लेकर बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने मांग की है कि केंद्र और राज्य की सरकारें इस स्थिति से निपटने के लिए कारगर व्यवस्था तत्काल लागू करें।
मायावती ने ट्वीट किया है, “देश की सड़कों पर घर वापसी करते लुटे/लाचार लाखों प्रवासी मजदूर व उनके बिलकते परिवारों की भूख, बदहाली व रास्ते में हो रही मौतों के टीवी दृश्य हृदयविदारक व अति-दुःखद. ऐसे में केन्द्र/राज्य सरकारों द्वारा आज की उनकी जिन्दगी-मौत की लड़ाई से निपटने के लिए कारगर व्यवस्था तत्काल लागू हो।
बता दें इससे पहले मायावती ने ट्वीट किया था, “अभूतपूर्व कोरोना लाॅकडाउन के कारण देश की चरमराई स्थिति, अव्यवस्था व ध्वस्त अर्थव्यवस्था में थोड़ी सुधार के लिए केन्द्र ने जो भी कदम उठाए हैं उसपर विश्वास करते हुए बी.एस.पी. का यही कहना है कि इसको जमीन पर ईमानदारी से लागू करने की जी-जान से कोशिश तत्काल शुरू कर देनी चाहिए”
उन्होंने लिखा, ‘साथ ही, लाचार/मजलूम करोड़ों प्रवासी मजदूरों के लिए जो 1,000 करोड़ रु की घोषणा की गई है वह यूपी जैसे अति-प्रभावित राज्यों को सीधे मिलनी चाहिए ताकि यह उन्हें उनके अपने पांव पर खड़े होने का वास्तविक सहारा बन सके व गरीबों/मजदूरों को आगे पलायन करने हेतु विवश न होना पड़े।