लखनऊ। प्रवासी मजदूरों को लाने में सहयोग की कांग्रेस की पेशकश ने नया सियासी बखेड़ा खड़ा कर दिया है। प्रवासी मजदूरों को लाने के मामले में शुरू हुआ राजनीतिक घमासान अब दूसरा रूप ले चुका है। महामारी के दौर में भाजपा और कांग्रेस की तनातनी आगे क्या रंग लाएगी, यह देखना अभी बाकी है लेकिन कांग्रेस के अपने भी इस घड़ी में उनके खिलाफ खड़े नजर आ रहे हैं।
प्रवासी मजदूरों की बस द्वारा अवाजाही के प्रकरण मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के संसदीय क्षेत्र रायबरेली सदर की विधायक अदिति सिंह ने ट्वीट करके कांग्रेस पर सवाल उठाए और कहा कि आपदा के वक्त ऐसी निम्न सियासत की क्या जरूरत, एक हजार बसों की सूची भेजी, उसमें भी आधी से ज्यादा बसों का फर्जीवाड़ा, 297 कबाड़ बसें, 98 ऑटो रिक्शा व एबुंलेंस जैसी गाड़ियां, 68 वाहन बिना कागजात के, ये कैसा क्रूर मजाक है, अगर बसें थीं तो राजस्थान, पंजाब, महाराष्ट्र में क्यूं नहीं लगाई।
अदिति सिंह ने एक अन्य ट्वीट में लिखा कि कोटा में जब यूपी के हजारों बच्चे फंसे थे तब कहां थीं ये तथाकथित बसें, तब कांग्रेस सरकार इन बच्चों को घर तक तो छोड़िए, बार्डर तक ना छोड़ पाई, तब योगी आदित्यनाथ ने रातों-रात बसें लगाकर इन बच्चों को घर पहुंचाया, खुद राजस्थान के सीएम ने भी इसकी तारीफ की थी।
ज्ञात हो कि कोरोना संकट में हुई महाबंदी में प्रवासी मजदूरों की घर वापसी को लेकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सरकार और कांग्रेस के बीच सियासी जंग तेज हो गई है। मंगलवार को आगरा जिले के फतेहपुर सीकरी क्षेत्र में यूपी-राजस्थान बॉर्डर पर दिनभर अफरा-तफरी का माहौल रहा। इस दौरान जो घटनाक्रम हुआ, उससे प्रदेश की सियासत में काफी गरम है।
महासचिव प्रियंका गांधी की ओर से मंगलवार को भेजी गईं बसों को राजस्थान-आगरा सीमा पर रोके जाने की सूचना पर बवाल मच गया। यूपी के कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू सहित कई नेता पहुंच गए। कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को राजस्थान सीमा पर धरनास्थल चैमा शाहपुर से गिरफ्तार कर लिए गए।