लखनऊ। फतेहपुर सीकरी में राजस्थान बॉर्डर पर मंगलवार को गिरफ्तार किए कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू व पूर्व एमएलसी विवेक बंसल और पूर्व विधायक प्रदीप माथुर को बुधवार की दोपहर बाद न्यायिक मैजिस्ट्रेट अनुकृति संत की कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने 20-20 हजार रुपए के निजी मुचलके पर तीनों नेताओं को रिहा कर दिया। रिहाई की अवधि 17 जुलाई तक है। हालांकि, रिहाई मिलने के बाद भी अजय कुमार लल्लू को राहत नहीं मिली। उन्हें लखनऊ पुलिस ने अपनी कस्टडी में ले लिया। उन पर बसों की सूची में फर्जीवाड़ा करने के आरोप में हजरतगंज कोतवाली में केस दर्ज हुआ था। लेकिन जब पुलिस उन्हें ले जाने लगी तो कार्यकर्ता गाड़ी के सामने लेट गए। जिन्हें हटाने के लिए पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी।
दरअसल, मंगलवार को यूपी कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू आगरा में फतेहपुर सीकरी थाना क्षेत्र स्थित राजस्थान बॉर्डर पर श्रमिकों से मिलने पहुंचे थे। यहां उन्होंने राजस्थान बॉर्डर पर प्रियंका गांधी के निर्देश पर खड़ी बसों को चलवाने को लेकर धरना दिया था। इसके बाद पुलिस ने लल्लू, पार्टी उपाध्यक्ष प्रदीप माथुर व विवेक बंसल के खिलाफ महामारी एक्ट में केस दर्ज किया। उन्हें गिरफ्तार कर पूरी रात पुलिस लाइन में रखा गया।
इस गिरफ्तारी के खिलाफ कांग्रेसी धरने पर बैठ गए। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का भी ध्यान नहीं रखा गया। पुलिस बुधवार दोपहर बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष को कोर्ट लेकर पहुंची। यहां भी नेता नारेबाजी करते हुए पहुंचे। कोर्ट ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष लल्लू को 20 हजार के निजी मुचलके पर 17 जुलाई तक के लिए रिहा कर दिया है। वहीं, अन्य नेताओं को भी रिहाई मिली। लेकिन इससे पहले लखनऊ पुलिस आगरा कोर्ट पहुंच चुकी थी। एसीपी कृष्णा नगर दीपक कुमार व मामले के सह विवेचक ने लल्लू को अपनी कस्टडी में ले लिया।