लखनऊ। उत्तर प्रदेश में प्रवासी मजदूरों को लेकर 1000 बसों की सियासत नया मोड़ ले चुकी है. इसी बिल को लेकर शुक्रवार को बहुजन समाज पार्टी की सुप्रीमो मायावती ने एक बार फिर कांग्रेस पर निशाना साधा है। मायावती ने ट्वीट करते हुए कहा है कि राजस्थान की कांग्रेसी सरकार द्वारा कोटा से करीब 12000 युवा-युवतियों को वापस उनके घर भेजने पर हुए खर्च के रूप में यूपी सरकार से 36.36 लाख रुपए और देने की जो माँग की है वह उसकी कंगाली व अमानवीयता को प्रदर्शित करता है। बसपा सुप्रीमो ने कहा कि दो पड़ोसी राज्यों के बीच ऐसी घिनौनी राजनीति अति-दुखःद है।
बसों के नाम पर कांग्रेस पर राजनीति करने का आरोप लगाते हुए मायावती ने अपने अगले ट्वीट में कहा, ‘कांग्रेसी राजस्थान सरकार एक तरफ कोटा से यूपी के छात्रों को अपनी कुछ बसों से वापस भेजने के लिए मनमाना किराया वसूल रही है तो दूसरी तरफ अब प्रवासी मजदूरों को यूपी में उनके घर भेजने के लिए बसों की बात करके जो राजनीतिक खेल खेल कर रही है यह कितना उचित व कितना मानवीय?’
इसी बिल को लेकर बीजेपी ने कांग्रेस और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा पर हमला किया है। बीजेपी प्रवक्ता ने इस बिल को कांग्रेस का असली चरित्र बताते हुए कहा कि उसका सेवा से कोई लेना देना नहीं है। बीजेपी प्रवक्ता डॉ चंद्रमोहन ने कहा कि कांग्रेस की राजस्थान सरकार द्वारा उत्तर प्रदेश सरकार को कोटा में रहने वाले विद्यार्थियों का बिल भेजा गया है। इस पूरे विषय से पता चलता है कि उनका चरित्र दोगला है।
प्रियंका वाड्रा एक तरफ बड़ी-बड़ी बातें करती हैं, वहीं मासूम बच्चों को घर भी नहीं सिर्फ यूपी बॉर्डर तक पहुंचाने का पैसा मांग रही है। दरअसल बीजेपी ने एक पत्र जारी करते हुए कहा कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार ने यूपी सरकार को 36.36 लाख रुपये का बिल थमा दिया है। यह बिल कोटा से यूपी लाए गए बच्चों के लिए 70 बसें उपलब्ध करवाने का है।