उत्तर प्रदेश बार काउंसिल ने अधिवक्ता हित में लिया अहम निर्णय
लखनऊ। उत्तर प्रदेश बार काउंसिल ने एक अहम निर्णय लेते हुए अधिवक्ता की मौत पर परिजनों को मिलने वाली सहायता राशि में आयु की शर्त को खत्म कर दिया है। जिसके बाद अब हर वकील की मौत पर परिजनों को डेढ़ लाख रुपए की आर्थिक मदद मिलने का रास्ता साफ हो गया है। बार काउंसिल यह सहायता राशि अपने कोष से देगी। बता दें कि अभी तक शर्त थी कि मरने वाले वकील की उम्र 80 वर्ष से कम हो। तभी पीड़ित परिवार को काउंसिल की तरफ से आर्थिक मदद दी जाएगी।
लेकिन अब उम्र की यह बंदिश खत्म हो गयी है। अब 80 वर्ष की आयु पूरी करने के बाद 90 या 100 वर्ष की आयु में मरने वाले वकील के परिजनों को भी काउंसिल की तरफ से डेढ. लाख की आर्थिक मदद दी जाएगी। इसके साथ ही बार काउंसिल बृद्धावस्था मृत्यु दावा योजना की भी आयु सीमा 80 से घटाकर 70 वर्ष कर दी है। इस योजना के तहत बुजुर्ग वकीलों के निधन पर उनके परिजनों को 5 लाख रुपए की आर्थिक मदद दी जाती है।
अधिवक्ताओं की समस्याओं से जुड़ी 500 फाइलें निस्तारित
उत्तर प्रदेश बार काउंसिल के पूर्व अध्यक्ष व वरिष्ठ अधिवक्ता प्रशान्त सिंह अटल ने यह जानकारी देते हुए हुए बताया कि शुक्रवार को बार काउंसिल मुख्यालय पर अधिवक्ता हितकारी समिति की बैठक हुई। जिसकी अध्यक्षता कार्यवाहक अध्यक्ष देवेेंद्र मिश्र ‘नगरहा’ ने की। बैठक में अधिवक्ताओं की समस्याओं से जुड़ी करीब 500 फाइलें निस्तारित की गईं। बैठक में देवेंद्र मिश्र ने कहा कि काउंसिल के इन निर्णयों से प्रदेश के लाखों अधिवक्ताओं को लाभ होगा। पीड़ित परिवारों को तत्काल लाभ दिलाने के लिए तेजी से काम होगा।