दक्षिणी कश्मीर के पुलवामा जिले में मंगलवार को चार घंटे चली मुठभेड़ में आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के तीन दहशतगर्दों को सुरक्षा बलों ने मार गिराया। मारे गए आतंकियों की फिलहाल शिनाख्त नहीं हो पाई है। इनमें दो पाकिस्तानी माने जा रहे हैं। इनसे भारी मात्रा में हथियार और गोला बारूद बरामद किया गया है।सुरक्षा बलों को पुलवामा जिले के अवंतीपोरा इलाके के राजपोरा गांव में एक मकान में आतंकियों के छिपे होने की सूचना मिली। इस सूचना के आधार पर सुरक्षा बलों ने पूरे इलाके की घेराबंदी कर घर-घर तलाशी अभियान शुरू कर दिया। घेरा सख्त होता देख इलाके में छिपे आतंकियों ने सुरक्षा बलों पर फायरिंग शुरू कर दी। सुरक्षा बलों ने इन्हें समर्पण करने के लिए कहा, लेकिन वे नहीं माने और सुरक्षा बलों पर लगातार फायरिंग करते रहे। इसके बाद जवाबी कार्रवाई से मुठभेड़ शुरू हो गई। रात लगभग आठ बजे तक चली मुठभेड़ में तीन आतंकियों को मारने में सफलता मिली।
इससे पहले 16 अक्तूबर को अनंतनाग के बिजबिहाड़ा में सुरक्षा बलों ने लश्कर-ए-ताइबा के तीन स्थानीय आतंकियों को ढेर किया था। छह घंटे से अधिक समय तक चली इस मुठभेड़ में मारे गए तीनों आतंकी हाल ही में आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिदीन छोड़कर लश्कर-ए-ताइबा में शामिल हुए थे। तीनों पिछले करीब दो वर्षों से इलाके में सक्रिय थे।
एक सप्ताह में छह का काम तमाम
सुरक्षा बलों ने एक सप्ताह में छह आतंकियों का काम तमाम कर दिया। दोनों ही मुठभेड़ की घटनाएं दक्षिणी कश्मीर में हुईं। इनमें लश्कर और जैश के तीन-तीन आतंकी मारे गए। अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पांच अगस्त से मोबाइल फोन सेवा बंद होने के कारण आतंकरोधी अभियानों की गति धीमी हो गई थी। दरअसल संचार संपर्क न होने से सुरक्षाबलों को आतंकियों के मूवमेंट की जानकारी नहीं हो पा रही थी।