लखनऊ। लॉकडाउन में छूट के बाद देश के ज्यादातर पुलिस बलों में एक बार फिर अपराध दर बढ़ने को लेकर चिंता जताई जा रही है। माना जा रहा है कि पुलिसबलों की चुनौती आने वाले दिनों में बढ़ेगी क्योंकि लॉकडाउन प्रतिबंध से बाहर आने के बाद भी कोविड प्रबंधन से जुड़ी ड्यूटी कई स्तरों पर जारी रहेगी। साथ में रूटीन अपराधों की जांच, दबिश और अन्य कार्रवाई का दबाव भी बढ़ सकता है।
पिछले दिनों देश के कई राज्यों के पुलिसबलों ने इस चुनौती पर चर्चा की है। राज्यों में आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिए गए हैं। एक आला अधिकारी ने कहा कि कोरोना संकट के दौरान लूट, छिनैती, हत्या, दुष्कर्म सहित विभिन्न अपराध की दर 40 से लेकर 75 फीसदी तक कम हो गई थी। कई जगहों पर तो अपराध दर में कमी का आंकड़ा और भी ज्यादा था।
अधिकारी के मुताबिक सब कुछ बंद होने और बैरिकेड की वजह से पुलिस बलों के मूवमेंट में कमी आई थी। उनकी ड्यूटी की प्रकृति थोड़ा बदल गई थी। वे ज्यादातर निगरानी और व्यवस्था संभालने के काम में थे। लोगों को खाना बांटना, बर्थडे मनाने में सहयोग, लाशें जलाना आदि अलग काम एक कल्याणकारी पुलिस बल के रूप में किया जा रहा था।
घरेलू हिंसा को छोड़ अन्य अपराध घटे : अधिकारी के मुताबिक लॉकडाउन के दौरान घरेलू हिंसा के आंकड़ों को छोड़ दें तो अन्य संगीन अपराधों पर नकेल अपने आप ही लग गई थी लेकिन अब पुलिस बलों को आशंका है कि रूटीन तरह के अपराध बढ़ सकते हैं।
प्रवासी संकट से नई चुनौती की आशंका: बड़ी संख्या में प्रवासी संकट के बाद पुलिस को अपने थानों की भी नए सिरे से मैपिंग करनी पड़ेगी। अधिकारियों का मानना है कि अमूमन पुलिस को थाना क्षेत्र में रहने वालों के बारे में पूरी जानकारी होती है लेकिन बड़े पैमाने पर एक जगह से दूसरे स्थान पर आए लोगों के बारे में पूरी जानकारी अभी पुलिस के पास होना मुश्किल है। कुछ जगहों पर हुई खाने-पीने के सामान की लूट को भी पुलिस बल एक चेतावनी के तौर पर ले रहे हैं। सूत्रों ने कहा बड़ी संख्या में बेरोजगार श्रमिकों को काम में नहीं लगाया गया तो एक नई तरह की सामाजिक समस्या अपराध के रूप में सामने आ सकती है।
कोविड के बाद का प्लान भी जरूरी: अधिकारियों ने कहा सभी स्तरों पर पोस्ट कोविड नीति बनाए जाने की जरूरत है। इसमें पुलिस बलों के काम और अपराध पर नकेल भी शामिल हैं क्योंकि सीमित वर्कफोर्स में काम का दायरा बढ़ना तय है। एक वेबिनार में कर्नाटक के डीजीपी प्रवीण सूद ने कहा पुलिस को ज्यादा धैर्य के साथ विविधता भरे कामों के लिए तैयार रहना होगा। कोविड की वजह से पुलिस की भूमिका बहुआयामी हो गई है। कई अन्य राज्यों के पुलिस अधिकारियों ने नई चुनौतियों को लेकर आगाह किया है।