DEET को आम भाषा में आप एक प्रकार के केमिकल की तरह समझ सकते हैं। इसका केमिकल नेम N,N-diethyl-meta-toluamide है। इस केमिकल को इंसेक्ट्स यानी कीड़े-मकोड़ों को दूर भगाने के लिए किया जाता है। इसलिए इसे इंसेक्ट्स रिपेलेंट के रूप में भी जाना जाता है। डीट को मच्छरों से बचाव का सबसे उपयुक्त साधन माना जाता है। डीट को विशेषज्ञों द्वारा इस तरह तैयार किया गया है ताकि इसे सीधे तौर पर स्किन पर अप्लाई किया जा सके।खास बात यह है कि डीट त्वचा पर डीट लगा लेने के बाद मच्छर व्यक्ति को काटते ही नहीं हैं इसलिए मच्छरों को मारने के झंझट से छुटकारा मिल जाता है। यानी डीट मच्छरों को मारने के बजाय उन्हें दूर भगाने का काम करता है। मच्छरों से बचाव के लिए यह प्रॉडक्ट अब मार्केट में अलग-अलग फॉर्म्स में उपलब्ध है। जैसे, स्प्रे, लोशन, लिक्विड। मलेरिया से बचाव के लिए यह एक अच्छा विकल्प है।लेकिन इससे बने प्रॉडक्ट्स को यूज करने से पहले आपको कुछ बातों का ध्यान रखना चाहिए। ताकि परिवार के किसी भी सदस्य को किसी तरह की परेशानियों का सामना ना करना पड़े। इनमें से सबसे बड़ी सतर्कता बच्चों के साथ बरते जाने की जरूरत है। इस तरह के प्रॉडक्ट्स यूज करने से पहले इन पर लिखी अप्लाई करने की विधि और सावधानियां जरूर पढ़ें। डीट को बच्चों की पहुंच से दूर रखें। बच्चों को मच्चरों की बाइट्स से बचाने के लिए और मलेरिया जैसी बीमारी की चपेट से दूर रखने के लिए इस कैमिकल से बने प्रॉडक्ट्स को यूज किया जा सकता है। लेकिन अगर बच्चे की उम्र 4 महीने या इससे कम है तो बेहतर होगा कि आप चाइल्ड स्पेशलिस्ट से कंसल्ट करके ही इस तरह के प्रॉडक्ट्स का उपयोग करें।