लखनऊ। उत्तर प्रदेश में 69000 सहायक अध्यापकों की भर्ती प्रक्रिया एक बार फिर अटक गई है। बुधवार से भर्ती को लेकर काउंसलिंग शुरू होनी थी, लेकिन इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने भर्ती प्रक्रिया पर रोक लगा दी है। अब यूजीसी के अध्यक्ष से इस मामले में राय लेकर आगे फैसला लिया जाएगा। हाईकोर्ट ने आदेश दिया है कि अभ्यर्थी विवादित प्रश्नों पर आपत्तियों को एक सप्ताह के अंदर राज्य सरकार के समक्ष प्रस्तुत करें। यूजीसी के चेयरमैन को पत्र लिखकर सारे विवादित प्रश्नों पर एक्सपर्ट ओपिनियन लिया जाएगा।
दरअसल, बुधवार को हाईकोर्ट की लखनऊ खण्डपीठ ने यह फैसला केस नंबर 8063/2020, अमिता त्रिपाठी व अन्य की याचिका पर सुनाया। इससे 8 मई के बाद से सरकार द्वारा कराई गई सभी प्रक्रिया पर रोक लग गई है। कोर्ट के इस फैसले के बाद इस मामले में आंसरशीट, संशोधित आसंरशीट, कॉउंसलिंग प्रक्रिया समेत सभी शून्य यानी उनका कोई अर्थ नहीं रह गया है। इससे पहले 27 से 31 मई के बीच आवेदनों की जांच के बाद ऑनलाइन प्रोसेसिंग कर वेबसाइट पर सूची अपलोड की गई थी। वहीं, 3 से 6 जून के बीच जिलों में काउंसलिंग कर चयनित शिक्षकों को नियुक्ति पत्र दिया जाना था। कोर्ट में मामले की अगली सुनवाई 12 जुलाई को होगी।