नई दिल्ली। मोदी सरकार ने राज्यों और संघ शासित प्रदेशों को फरवरी, 2020 तक तीन माह का 36,400 करोड़ रुपये का माल एवं सेवा कर (जीएसटी) मुआवजा जारी किया है। केंद्र सरकार ने यह महत्वपूर्ण फैसला इस वक्त इसलिए लिया है, क्योंकि राज्यों को कोरोना महामारी की वर्तमान स्थिति से निपटने के लिए धन की बहुत ही ज्यादा आवश्यकता थी। कोविड-19 (COVID-19) की वजह से पैदा हुई मौजूदा स्थिति के मद्देनजरनर राज्यों के संसाधन बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। ऐसे में राज्यों, संघ शासित प्रदेशों के लिए केंद्र ने दिसंबर, 2019 से फरवरी, 2020 तीन माह तक का बताया जा रहा है।
गौरतलब है कि देश के विभिन्न राज्य जीएसटी बकाये को लेकर मोदी सरकार पर निशाना साधते रहे हैं। कई राज्यों ने प्रधानमंत्री के साथ मीटिंग के दौरान भी इस मुद्दे को उठाया था। बता दें कि केंद्र ने 2018-19 में 69,275 करोड़ रुपये 2017-18 में 41,146 करोड़ रुपये का जीएसटी मुआवजा जारी किया था। वहीं 2019-20, 2018-19 और 2017-18 के वित्त वर्ष में क्रमश: 95,000 करोड़, 95,081 करोड़ और 62,611 करोड़ रुपये रहा था। जीएसटी क्रियान्वयन के पहले दो वर्षों 2017-18 और 2018-19 में राज्यों के मुआवजे की जरूरत संग्रह से कम रही थी। इसके चलते 42,271 करोड़ रुपये के मुआवजा उपकर का इस्तेमाल नहीं हुआ है।
दरअसल देश के कई राज्य जीएसटी मुआवजे को लेकर लंबे समय से मांग कर रहे थे। क्योंकि कोरोना और लॉकडाउन की वजह से उनके संसाधनों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा था। राज्य अपने वित्तीय दायित्वों को पूरा करने के लिए संघर्ष कर रहे थे। इसी वजह से कई राज्यों ने शराब और ईंधन पर करों में वृद्धि का सहारा भी लिया था