नई दिल्ली। लद्दाख में सीमा पर विवाद को शांति से सुलझाने की भारत की कोशिशों के बीच चीन ने धोखेबाजी की है। सोमवार रात शांतिपूर्ण बातचीत करने गए भारतीय कमांडिंग अफसर से चीन के सैनिकों ने बहस की और उन पर पत्थरों, डंडों और नुकीले हथियारों से हमला बोल दिया।
6 जून को लेफ्टिनेंट जनरल लेवल की बातचीत में दोनों पक्षों में बातचीत से विवाद सुलझाने पर सहमति बनी थी। इसी के चलते 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग अफसर कर्नल संतोष बाबू चीनी पक्ष से बातचीत करने के लिए गए थे। पर चीन ने गालवन में एक बार फिर धोखा दिया। गालवन वैली वही इलाका है, जहां 1962 की जंग में 33 भारतीयों की जान गई थी।
न्यूज एजेंसी एएनआई को सूत्रों ने बताया कि 6 जून को हुई चर्चा के मुताबिक ही कर्नल बाबू ने चीन के सैनिकों को उनकी सीमा में और पीछे जाने को कहा। कर्नल बाबू शांतिपूर्ण तरीके से बातचीत कर रहे थे, लेकिन इस दौरान चीन के सैनिकों ने बहस शुरू कर दी।
बातचीत के दौरान चीन के सैनिकों ने भारतीय दल पर डंडों, पत्थरों और नुकीली चीजों से हमला कर दिया।
चीनी सैनिकों का मकसद भारतीय दल को नुकसान पहुंचाना था। इस टकराव में कर्नल संतोष बाबू, हवलदार पालानी और सिपाही कुंदन झा समेत 20 सैनिक शहीद हो गए।