लखनऊ। उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में पुलिस ने अंतरराज्यीय वाहन चारों के हाइप्रोफाइल गैंग का खुलासा किया है। इस गिरोह में भोजपुरी फिल्मों का कलाकार, एक न्यूज चैनल का पत्रकार, एक कल्याण बोर्ड का ओएसडी, दिल्ली का बड़ा व्यापारी, कार बाजार का मालिक, कबाड़ का एक बड़ा कारोबारी शामिल है। पुलिस ने इनके कब्जे से 5 करोड़ की 50 लग्जरी गाड़ियां बरामद की हैं। एक हजार से ज्यादा फर्जी नंबर की गाड़ियों का रिकॉर्ड भी बरामद हुआ है। पूछताछ में पता चला कि यह गिरोह अपने कारोबार को चमकाने के लिए ऑन डिमांड गाड़ियों की चोरी करता था। एक्सीडेंटल और चोरी की गड़ियों के चेचिस और इंजन नंबर में फेरबदल कर करोड़ों का मुनाफा कमाया जा रहा था।
डीसीपी पूर्वी सोमेन वर्मा ने बताया कि 15 जून को चिनहट पुलिस वाहन चेकिंग कर रही थी। इसी दौरान एक आई-20 कार छोड़कर कुछ लोग भाग गए। पुलिस ने कार के नंबर के आधार पर मालिक की तलाश शुरू की। ऑनलाइन चेक किया गया तो गाड़ी का मालिक कैसरबाग के सुंदरबाग निवासी नासिर खान निकला। लेकिन, मोबाइल ऐप पर कार का मॉडल 2013 दिखा रहा था। जबकि कार देखने से 2019 की लग रही थी। संदेह होने पर पुलिस ने एफएसएल की टीम को जांच के लिए बुलाया। एफएसएल भी शुरूआती जांच में फेल हो गई। दोबारा तीन घंटे तक जांच करने के बाद एफएसएल के अधिकारियों ने चेचिस नंबर और इंजन नंबर के बदलने की पुष्टि की। इसकी रिपोर्ट के लिए पुलिस ने विधि विज्ञान प्रयोगशाला के निदेशक से पत्राचार किया। इसके बाद रिपोर्ट मिली। जब कार के मालिक की तलाश शुरू हुई तो कागज में दर्ज पते पर कोई मिला ही नहीं। डीसीपी पूर्वी के मुताबिक, जब सही चेचिस और इंजन नंबर की जांच की गई तो असली मालिक का पता चला। यह गाड़ी 5 जून को गोमतीनगर से चोरी हुई थी। इसके संबंध में केस दर्ज था।