नई दिल्ली। दिवाली पर दुर्गम इलाकों में तैनात सैनिकों से मिलने की अपनी परंपरा जारी रखते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रविवार को किसी अग्रिम इलाके में जा सकते हैं। सूत्रों ने यह जानकारी दी।
प्रधानमंत्री ने 2018 में दिवाली का त्योहार उत्तराखंड में भारत-चीन सीमा के निकट बर्फीले इलाके में सेना और भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के जवानों के साथ मनाया था। 2017 में प्रधानमंत्री ने दिवाली जम्मू-कश्मीर के गुरेज सेक्टर में सैनिकों के साथ मनाई थी। 2016 में मोदी दिवाली पर हिमाचल प्रदेश में थे और उन्होंने यह त्योहार एक आउटपोस्ट पर भारत-तिब्बत सीमा पुलिस के जवानों के साथ मनाया था।
2015 में दिवाली पर वह पंजाब सीमा पर गए थे। उस साल 1965 के भारत-पाक युद्ध के 50 साल पूरे हुए थे। 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद उन्होंने अपनी पहली दिवाली सियाचिन में जवानों के साथ मनाई थी।
फरवरी, 2019 में कश्मीर पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पूरी दुनिया को आतंकवाद से निपटने की भारत की नई रीति-नीति से अवगत करवाया था। प्रधानमंत्री ने कहा था कि जिस तरह से यहां निहत्थे लोगों का कत्ल किया जा रहा है, उससे पूरा देश आक्रोशित है। उन्होंने अटल जी के सपने को पूरा करने और एक शांत व खुशहाल कश्मीर बनाने की बात भी कही। उन्होंने कहा था कि कश्मीर का युवा शांति चाहता है, लेकिन कुछ ताकतें उसे आतंकवाद की तरफ धकेल रही हैं।
पीएम मोदी ने शहीद हुए लांस नायक नजीर अहमद वानी और राइफलमैन औरंगजेब को श्रद्धांजलि देते हुए उन्हें युवाओं के लिए रोल मॉडल बताया था। नजीर अहमद वानी को मरणोपरांत अशोक चक्र से और औरंगजेब को मरणोपरांत शौर्य चक्र से सम्मानित किया गया।