लखनऊ। भारत-चीन सीमा पर सैनिक हिंसक झड़प के बाद देश गुस्से में है। जिसके चलते चाइनीज सामानों का बहिष्कार हो रहा है। कई चीनी कामों पर रोक लगा दी गई है। वहीं पॉवर कॉरपोरेशन ने भी बड़ा कदम उठाते हुए चाइनीज उपकरणों के इस्तेमाल न करने के निर्देश जारी के दिये है। जिसके बाद बिजली अभियंताओं ने गोरखपुर शहर के 15 हजार कनेक्शनों पर लगे चाइनीज मीटर हटाये जाएंगे। ऑनलाइन बिलिंग सिस्टम के जरिए मीटर नम्बर से उपभोक्ताओं के कनेक्शन व क्षेत्र चिह्नित किए जा रहे हैं। स्मार्ट मीटर पर लगी रोक हटते ही चाइनीज मीटर उखाड़कर उनके स्थान पर स्मार्ट मीटर लगाए जाएंगे। पॉवर कारपोरेशन के एमडी ने चाइनीज उपकरणों का इस्तेमाल न करने के निर्देश दिए थे। इसे लेकर स्थानीय अफसरों ने शहर के विभिन्न क्षेत्रों में स्मार्ट बिजली मीटर से वंचित 1.50 लाख कनेक्शनों में से 10 फीसदी कनेक्शनों पर लगे 15 हजार चाइनीज मीटर हटाकर स्मार्ट बिजली मीटर लगाने की योजना बनाई थी।
अभियंताओं का कहना है कि फिलहाल स्मार्ट बदलने पर रोक लगी है। जैसे ही कॉरपोरेशन से हरी झंडी मिलेगी। पहले चरण में चाइनीज मीटर ही बदले जाएंगे। तबतक ऑनलाइन बिलिंग सिस्टम के माध्यम से मीटर नम्बर के मुताबिक उपभोक्ताओं का नाम-पता भी चिह्नित कर लिया जाएगा। इससे मीटर बदलने में आसानी होगी। बिजली अधिकारियों का कहना है कि उपभोक्ता भी अपने परिसर में लगे चाइनीज मीटर की सूचना क्षेत्र के एसडीओ, जेई व एक्सईएन को दे सकते हैं। बता दें कि साल-2012 में ही कॉरपोरेशन ने मकेनिकल व चाइनीज मीटर प्रतिबंधित कर दिए थे। वहीं पॉवर ट्रांसमिशन कारपोरेशन ने किसी चाइनीज फर्म से काम न कराने का भी निर्णय लिया है। कॉरपोरेशन के निदेशक ऑपरेशन ई. आरके सिंह ने दो दिन पहले गोरखपुर जोन के मुख्य अभियंता को मेल भेज निर्देश भी दिया कि ऑपरेशन व मेंटिनेंस में चाइनीज उपकरणों का इस्तेमाल नहीं करना है।
ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने निर्देश जारी करते हुए कहा कि ट्रांसमिशन उपकेन्द्रों में लगे रिले चाइनीज ही लम्बे समय से इस्तेमाल हो रहे हैं। उसे रिप्लेसमेंट करने की योजना बनाई गई है। जोन मुख्यायल ने निदेशक को सूचना भेजी जा चुकी है। बीते एक साल में किसी भी चाइनीज वेंडर से कोई एग्रीमेंट नहीं किया गया। ऑपरेशन व मेंटिनेंस में किसी भी तरह के चाइनीज उपकरण का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है।