लखनऊ। उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में राजकीय बालगृह की नाबालिग लड़कियों के साथ हुए अमानवीय कृत्य का आरोप लगाकर आम आदमी पार्टी ने मामले की जांच हाइकोर्ट की निगरानी में गठित एसआइटी से कराने की मांग की है। दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की मांग को लेकर आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रदर्शन किया। लखनऊ में हजरतगंज में स्थित जीपीओ पर गांधी प्रतिमा के सामने प्रदर्शन कर राज्यपाल को संबोधित ज्ञापन जिला प्रशासन को सौंपा।
जीपीओ पर आयोजित धरने को संबोधित करते हुए प्रदेश सचिव रुचि यादव ने कहा कि कानपुर राजकीय बालगृह की 7 बालिकाएं गर्भवती पाई गई हैं और एक बच्ची को एड्स भी है। ये अधिकारियों की लापरवाही और सत्ता की मिलीभगत के कारण हुआ है। बच्चियों को संरक्षित और सुरक्षित रखने के लिए स्थापित किए गए बालगृह वर्तामन समय मे अनाथ, बेसहारा और मजबूर बच्चियों की इज़्ज़त के खिलवाड़ का अड्डा बन चुके हैं।
जिला संगठन उपाध्यक्ष अंजू सिंह ने कहा कि बालगृह की 57 लड़कियां कोरोना पॉजिटिव भी मिली हैं, सरकार जवाब दे कि जब बालिकाएं बालगृह के अंदर थी तो संक्रमित कैसे हुईं। लगता है कि कानपुर में मुज़फ्फरपुर बालिका गृह कांड दुहराया गया है। सुभाषिनी मिश्रा ने कहा कि पूरे मामले की न्यायिक जांच हाइकोर्ट की निगरानी में गठित एसआइटी के द्वारा की जाए। इस घटना के दोषियों को कठोर दंड दिया जाए ताकि ऐसे घिनौने कृत्य की पुनरावृत्ति रोकी जा सके।